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छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 27 अक्टूबर। गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) के परिसर स्थित तालाब में मिले छात्र अर्सलान अंसारी के शव का पोस्टमार्टम रविवार को किया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसे वे बिहार लेकर रवाना हो गए। इस बीच मृतक के परिवार ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
मृतक के भाई अयूब अंसारी ने आरोप लगाया कि बिलासपुर पहुंचने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें सिर्फ फोटो दिखाई, लेकिन शव नहीं देखने दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक कमरे में बंद कर बाहरी लोगों और मीडिया से मिलने नहीं दिया गया। अयूब ने बताया कि जब उन्होंने कोनी थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, तो पुलिस ने मना कर दिया।
छात्र के पिता अर्शद अयूब अंसारी ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा अरसलान जीजीयू के भौतिकी विभाग में पांचवें सेमेस्टर का छात्र था और स्वामी विवेकानंद छात्रावास के कमरा नंबर 45 में रहता था। 21 अक्टूबर से अरसलान का मोबाइल बंद था। 24 अक्टूबर तक कोई संपर्क नहीं हुआ, तो उन्होंने वार्डन से बात की, पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की मौत के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और सुरक्षा अधिकारी जिम्मेदार हैं। सभी के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।
इधर, एनएसयूआई के उपाध्यक्ष शुशांक लक्की मिश्रा ने भी विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र के पिता चार दिनों से वार्डन से बात कर रहे थे, पर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने मांग की कि कुलपति तत्काल इस्तीफा दें और संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो। एनएसयूआई ने कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
वहीं, सीएसपी गगन कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। पुलिस मामले की सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं


