ताजा खबर

पादरियों के प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज
09-Sep-2025 12:10 PM
पादरियों के प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 9 सितंबर। कांकेर जिले के सुंगली गांव की ग्रामसभा में मसीही पादरियों के प्रवेश पर रोक लगाने के प्रस्ताव के खिलाफ दायर जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि जिस ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई गई है, उसे पक्षकार ही नहीं बनाया गया, इसलिए याचिका तकनीकी रूप से अधूरी है।

याचिका के अनुसार सुंगली गांव में लगभग 14–15 परिवार मसीही समाज में शामिल हो गए। स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इससे उनकी आदिवासी परंपराओं पर असर पड़ रहा है। इसी वजह से ग्रामसभा ने प्रस्ताव पास कर मसीही धर्मगुरुओं और अनुयायियों के गांव आने पर रोक लगा दी थी।

इस प्रस्ताव को चुनौती देते हुए गांव के ही अनुयायी दिबल तांडी और हितेश कुमार दरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि संविधान हर धर्म को प्रचार और पालन का अधिकार देता है। इसलिए इस तरह की रोक अवैधानिक है।

सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी संस्कृति और परंपराएं हैं, जिन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है। इसलिए ग्रामसभा ने यह प्रस्ताव पारित किया। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने माना कि ग्राम पंचायत को पक्षकार न बनाने से याचिका अधूरी है।

अंत में याचिकाकर्ताओं के वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। अदालत ने अनुमति देते हुए याचिका खारिज कर दी और कहा कि यदि चाहें तो उचित पक्षकारों को शामिल कर नई याचिका दायर की जा सकती है। साथ ही जमा की गई सुरक्षा राशि लौटाने का आदेश भी दिया गया।


अन्य पोस्ट