ताजा खबर
कैबिनेट का फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 सितंबर। सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीति में संशोधन किया है। सरकार का मानना है कि नई संशोधित सौर ऊर्जा नीति से पारंपरिक ऊर्जा स्रोत पर निर्भरता कम होगी और सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए कई तरह की रियायतें देने का फैसला लिया गया।
कैबिनेट में पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत की निर्भरता को कम करने तथा गैर पारंपरिक स्त्रोत आधारित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की सौर ऊर्जा नीति में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
नीति की अवधि
नई व्यवस्था के अनुसार यह संशोधित नीति अब 2030 तक लागू रहेगी, या फिर जब तक राज्य सरकार नई सौर ऊर्जा नीति जारी नहीं करती।
उद्योगों को मिलने वाले लाभ
सौर ऊर्जा परियोजनाओं को अब राज्य की औद्योगिक नीति के तहत प्राथमिकता उद्योग का दर्जा मिलेगा।
संशोधित नीति में निवेशकों को कई तरह की रियायतें और प्रोत्साहन मिलेंगे, जैसे ब्याज अनुदान, पूंजी लागत पर अनुदान (सूक्ष्म उद्योगों को), जीएसटी प्रतिपूर्ति (लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को), बिजली शुल्क में छूट, स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाएगी।
यही नहीं, परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर अनुदान, भूमि उपयोग बदलने की फीस में छूट, भूमि बैंक से जमीन लेने पर शुल्क में रियायत मिलेगी। इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और तृतीय लिंग समुदाय के उद्यमियों को जमीन के प्रीमियम में छूट, दिव्यांगों को रोजगार देने पर अनुदान, मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है।