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विनोद तिवारी और राहुल गांधी समेत 6 लोगों को पेश करने कोर्ट का आदेश
27-Jul-2025 7:43 PM
विनोद तिवारी और राहुल गांधी समेत 6 लोगों को पेश करने कोर्ट का आदेश

नौ वर्ष पहले दर्ज मामले में कोर्ट सभी के लिए उद्घोषणा जारी कर चुका है 

रायपुर, 27 जुलाई। रायपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विवेक कुमार टंडन के  आदेश पर विनोद तिवारी समेत सात अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 209 के तहत संज्ञेय अपराध  दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश थाना सिविल लाइन को जारी किया गया है। आरक्षक द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार,  26 जुलाई 25 को न्यायालय से प्राप्त आदेश के अनुसार, आपराधिक प्रकरण क्रमांक 4800/2018 (शासन विरुद्ध विनोद तिवारी व अन्य) के संदर्भ में यह कार्रवाई की जा रही है। इस प्रकरण की जड़ें थाना पंडरी में  नौ वर्ष पहले दर्ज  अपराध क्रमांक 314/2016 से जुड़ी हुई हैं। इसमें धारा 147, 187, 332, 336 एवं 353 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। सभी अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय द्वारा उद्घोषणा जारी की गई थी, किंतु उनके द्वारा न्यायालय में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि उद्घोषणा के बावजूद अभियुक्तों का अनुपस्थित रहना धारा 209 के तहत एक दंडनीय और संज्ञेय अपराध है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इन सात अभियुक्तों में शामिल हैं: विनोद तिवारी, पिता लालता प्रसाद तिवारी, निवासी सुंदरीपारा मोवा पप्पू उर्फ उमेश बघेल, पिता दोमुड़ी बघेल, निवासी शांति नगर सैय्यद उमेद, पिता सैय्यद अख्तर, निवासी राजा तालाब शांति नगर विकास उर्फ अपराजित तिवारी, पिता सुनीत तिवारी, निवासी सुक्रवारी बाजार विवेक तिवारी, पिता आकाश तिवारी, निवासी न्यू शांति नगर राहुल गांधी, पिता सूरज गांधी, निवासी बूढ़ा तालाब राम भरोसा शर्मा, पिता रामलाल शर्मा, निवासी बूढ़ा तालाब  ।सातों अभियुक्त थाना सिविल लाइन, पंडरी और गुढ़ियारी थाना क्षेत्र के निवासी हैं। न्यायालय ने थाना सिविल लाइन को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि वे तत्काल FIR दर्ज कर विधिवत विवेचना प्रारंभ करें और उसकी प्रति शीघ्र न्यायालय को प्रस्तुत करें। इस निर्देश के पालन में पुलिस अब त्वरित कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है और जल्द ही सभी अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की वैधानिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह आदेश न केवल न्यायिक प्रक्रिया की सख्ती को दर्शाता है बल्कि अभियुक्तों के विरुद्ध कानून के कठोर रूप को भी सामने लाता है।


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