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फिल्म ‘पायरेसी’ में शामिल लोगों को तीन साल तक कैद की सजा दी जा सकेगी: केंद्र सरकार
27-Jul-2025 8:41 PM
फिल्म ‘पायरेसी’ में शामिल लोगों को तीन साल तक कैद की सजा दी जा सकेगी: केंद्र सरकार

नयी दिल्ली, 27 जुलाई। डिजिटल ‘पायरेसी’ पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कानूनों में संशोधन करके फिल्मों की अवैध रिकॉर्डिंग और प्रसारण में शामिल लोगों के लिए तीन साल तक की कैद और निर्माण लागत के पांच प्रतिशत तक के कठोर जुर्माने का प्रावधान किया है।

पायरेसी का आशय सॉफ्टवेयर, संगीत, फिल्मों और पुस्तकों जैसी कॉपीराइट सामग्री के अनधिकृत पुनरुत्पादन, वितरण या उपयोग से है।

सरकार ने फिल्म ‘पायरेसी’ के खिलाफ प्रावधानों को मजबूत करने के लिए दो साल पहले सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में ये बदलाव किए थे।

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने पिछले हफ्ते संसद को बताया, ‘‘इन संशोधनों में न्यूनतम तीन महीने की कैद और तीन लाख रुपये के जुर्माने की सख्त सजा शामिल है, जिसे तीन साल की कैद और ऑडिट की गई सकल निर्माण लागत के पांच प्रतिशत तक के जुर्माने तक बढ़ाया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा 6एए और 6एबी फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रसारण पर रोक लगाती है।

मुरुगन ने कहा, ‘‘सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की नई जोड़ी गई धारा 7(1बी)(ii) सरकार को ‘पायरेटेड सामग्री’ रखने वाले बिचौलियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार देती है।’’

उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को कॉपीराइट धारकों या अधिकृत व्यक्तियों से शिकायतें प्राप्त करने और ऐसी सामग्री रखने वाले बिचौलियों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार दिया गया है।

पायरेसी-रोधी रणनीतियों को मजबूत करने और समन्वित कार्य योजनाएं विकसित करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है।

ईवाई और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की ‘द रॉब रिपोर्ट’ के अनुसार, भारतीय मनोरंजन उद्योग को मुख्य रूप से पायरेसी के कारण 2023 में 22,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। (भाषा)


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