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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 जुलाई। गुरुवार को घंटाघर क्षेत्र में रहने वाले छोटू कुमार बंसल के 2 साल के बेटे दिव्यांश कुमार की गले में चना फंसने से मौत हो गई। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की मौत फेफड़े में चना फंसने और आंतरिक रक्तस्राव के कारण हुई।
जानकारी के अनुसार, छोटू कुमार बंसल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और कोरबा के घंटाघर क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहते हैं। गुरुवार सुबह करीब 8 बजे, जब छोटू काम के लिए बाहर गए थे, उनका बेटा दिव्यांश खेलते समय घर में रखा चना उठाकर निगल गया। चना गले में फंस गया, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी और वह रोने लगा।
बच्चे की मां और चाचा उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां कुछ घंटों तक इलाज चला, लेकिन बच्चे की हालत बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई। परिजनों, खासकर दिव्यांश के चाचा गोलू ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि समय पर सही इलाज न मिलने के कारण बच्चे की जान चली गई।
वहीं, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरबंश ने बताया कि बच्चे ने जो चना निगला था, वह गले से होकर फेफड़े में चला गया था, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत हुई। साथ ही, आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) शुरू हो गया था, जिससे बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने ऑपरेशन की तैयारी की थी, लेकिन उससे पहले ही बच्चे की मौत हो गई।
यह घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है। हादसे ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है।