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पर्याप्त नगदी बनाए रखने की आरबीआई की प्रतिबद्धता से ब्याज दर कटौती का लाभ आसानी से मिलेगा:फिच
16-Jul-2025 12:12 PM
पर्याप्त नगदी बनाए रखने की आरबीआई की प्रतिबद्धता से ब्याज दर कटौती का लाभ आसानी से मिलेगा:फिच

नयी दिल्ली, 16 जुलाई । फिच रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि आरबीआई के 2025 की शुरुआत से बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त नगदी डालने और प्रणाली में पर्याप्त नगदी बनाए रखने की प्रतिबद्धता से 2025 में ब्याज दरों में एक प्रतिशत की कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के माध्यम से 2025 में लगभग 5.6 लाख करोड़ रुपये (प्रणाली परिसंपत्तियों का दो प्रतिशत) का टिकाऊ वित्तपोषण किया है, जिसके परिणामस्वरूप मार्च से प्रणाली में अधिशेष नगदी हो गई है।

वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नकद-आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की कटौती करने के उसके निर्णय से चरणबद्ध तरीके से लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये की नगदी जारी होगी।

फिच ने बयान में कहा कि जनवरी 2025 से बैंकिंग प्रणाली में आरबीआई द्वारा पर्याप्त नगदी डाले जाने तथा भविष्य में पर्याप्त नगदी उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता से वित्तपोषण की स्थिति काफी आसान हो गई है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ये उपाय अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के बाद से आरबीआई के नगदी रुख में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य वित्तपोषण लागत दबावों को बढ़ाए बिना ऋण वृद्धि को बढ़ावा देना है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की भारी कटौती करने का फैसला किया था। इससे अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज देने के लिए बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।

सीआरआर में 29 नवंबर 2025 को समाप्त होने वाली अवधि में चार बराबर किस्तों (हर बार 25 प्रतिशत) में कटौती होगी और यह घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी। इसका मतलब यह है कि वाणिज्यिक बैंकों को नकदी के रूप में तीन प्रतिशत का निचला स्तर बनाए रखना होगा, क्योंकि आरबीआई उन्हें उधार देने के लिए अधिक धनराशि रखने की अनुमति देगा।(भाषा)


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