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बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी जारी रहेगी-सीएम
16-Jul-2025 2:13 PM
बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी जारी रहेगी-सीएम

 साय के जवाब को नेता प्रतिपक्ष ने सराहा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत और कांग्रेस विधायकों के बिजली दरों में की गई वृद्धि पर स्थगन प्रस्ताव को सरकार ने अग्राह्य कर दिया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष ने  मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिजली दर में वृद्धि से पूरा छत्तीसगढ़ परेशान हैं। गरीबों को बिजली दर में वृद्धि आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी पर असर नहीं होगा। सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को दी जा रही राहत जारी रहेगी। बिजली उत्पादन बढ़ाने में सरकार के प्रयास जारी है ।
कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल, संगीता सिन्हा, देवेन्द्र यादव, रामकुमार यादव, राघवेन्द्र सिंह, लखेश्वर बघेल, अनिला भेडिय़ा ने भी अपनी बात रखते हुए स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर चर्चा कराने की मांग की। इस पर  अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने 33 विधायकों के स्थगन की सूचना मिलने की जानकारी दी और डॉ. महंत की सूचना पढ़कर सीएम विष्णु देव साय से जवाब मांगा। 

ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम हो रहा। पीएम सूर्य घर योजना में भी उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जा रहा है। इसे  सुनने के बाद स्पीकर रमन सिंह ने  स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को अस्वीकृत कर दिया। 
मुख्यमंत्री के जवाब पर नेता विपक्ष डॉ. महंत ने मुख्यमंत्री का आभार  व्यक्त करते हुए आग्रह किया कि मुख्यमंत्री अपनी कही बातों को जल्द लागू कराएं। इस पर सत्ता पक्ष  से संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री  रामविचार नेताम ने  नेता प्रतिपक्ष का धन्यवाद दिया। नेताम ने कहा कि यह नेताजी की अच्छी सोच का प्रतीक है। ऐसे ही सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर छत्तीसगढ़ के विकास के लिए काम करेंगे। और मेज थपथपा कर सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष का आभार जताया।

कृषि पंपों पर नहीं पड़ेगा बोझ
अपने जवाब में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है। यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है।
आम उपभोक्ताओं को राहत, किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है — जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा उद्देश्य  है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े। सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है।
 

स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है। यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बेहतर आपूर्ति और घटती हानियां- गुणवत्तापूर्ण 

वितरण प्रणाली की दिशा में अग्रसर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है। तकनीकी और वाणिज्यिक हानि को 2020-21 में 23.14 प्रतिशत से घटाकर 2024-25 में 13.79 प्रतिशत किया गया है। यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है।

कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया प्लांट
वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत  ट्रांसमिशन कंपनी के लिए 2433 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए  3977 करोड़ और जनरेशन कंपनी के लिए 2992 करोड़ का प्रावधान है। कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत15,800 करोड़ है। इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
सौर ऊर्जा, घरेलू उपभोक्ताओं 
के लिए डबल अनुदान योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर 78,000 तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर 30,000 तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा। यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।


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