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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सकारात्मक पहल के बाद अलग-अलग मामलों में जो जुर्माना लगाया गया है, उस रकम का इस्तेमाल प्रदेश के बाल संरक्षण गृहों और दिव्यांग बच्चों के विकास के लिए होगा।
जस्टिस सिन्हा ने आदेश दिया है कि 11 सितंबर 2024 से 11 जुलाई 2025 तक अलग-अलग मामलों में जो जुर्माना वसूला गया है, उसकी कुल राशि चार लाख दो हजार रुपये सीधे बच्चों के विकास में लगेगी। इसमें से दो लाख छह हजार रुपये उन संस्थाओं में जमा होंगे जहां शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे रहते हैं। वहीं एक लाख नवासी हजार रुपये बाल संरक्षण गृहों में जमा होंगे।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक यह पैसा बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, खेलकूद के सामान, किताबें और मानसिक विकास से जुड़ी गतिविधियों पर खर्च होगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में मदद मिलेगी और उन्हें अच्छी जिंदगी जीने का मौका मिलेगा।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में संचालित बाल संरक्षण गृह और दिव्यांग बच्चों के लिए बने आवासीय संस्थान इस रकम को इस्तेमाल करेंगे। यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि अब तक जुर्माने की रकम का सुनिश्चित उपयोग नहीं हो पाता था, लेकिन अब सीधे जरूरतमंद बच्चों तक मदद पहुंचेगी।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने यह भी कहा है कि जुर्माने की रकम का पूरा हिसाब रखा जाए और इसका इस्तेमाल सही जगह हो, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी निगरानी भी करेंगे।