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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महासमुंद पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह को कोर्ट के आदेश की अवमानना मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, रायपुर के गुढ़ियारी इलाके के रहने वाले कांस्टेबल नरेंद्र यादव को महासमुंद जिले में तैनाती के दौरान उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
इस बर्खास्तगी को हाईकोर्ट ने 21 फरवरी 2025 को रद्द कर दिया था और नरेंद्र यादव को फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद 90 दिन से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नरेंद्र यादव को महासमुंद पुलिस में कांस्टेबल की पोस्ट पर दोबारा ज्वाइनिंग नहीं दी गई।
इस बात से परेशान होकर नरेंद्र यादव ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट अभिषेक पांडे और स्वाति कुमारी ने कोर्ट में दलील दी कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था, फिर भी छत्तीसगढ़ में कई आईएएस और आईपीएस अफसर कोर्ट के आदेशों का वक्त पर पालन नहीं करते। इससे याचिकाकर्ता को बार-बार बेवजह परेशान होना पड़ता है।
वकीलों ने कोर्ट को बताया कि ऐसे मामलों में कोर्ट की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 12 के तहत दोषी अफसर को 6 महीने की जेल या 2000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद महासमुंद पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।