ताजा खबर

अनुकंपा नियुक्ति के बाद सौतेले बेटे ने नहीं निभाया जिम्मा, हाईकोर्ट ने दी राहत
11-Jul-2025 12:13 PM
अनुकंपा नियुक्ति के बाद सौतेले बेटे ने नहीं निभाया जिम्मा, हाईकोर्ट ने दी राहत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 11 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला व्यक्ति अपने दिवंगत पिता के परिवार की देखभाल करने के लिए कानूनी और नैतिक रूप से जिम्मेदार है, जब तक परिवार के लोग खुद कमाने लायक न हो जाएं।

जशपुर जिले के सुरेंद्र खाखा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी में काम करते थे। उनकी पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने दोबारा शादी की। दूसरी पत्नी ने पहली पत्नी के दोनों बच्चों को भी अपने बच्चों की तरह पाला। सुरेंद्र की मौत के बाद बिजली विभाग ने उनकी पत्नी को नौकरी देने की सिफारिश की, लेकिन उसने अपने सौतेले बड़े बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिला दी और शर्त रखी कि वह पूरे परिवार का ख्याल रखेगा।

कुछ साल तक तो बेटे ने मां और भाई-बहनों का ध्यान रखा, लेकिन शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगा और परिवार की मदद बंद कर दी। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद साफ कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का मकसद ही यही होता है कि मृतक के परिवार का भरण-पोषण हो सके। जिसने भी यह नौकरी ली है, उसका कर्तव्य है कि वह परिवार का ध्यान रखे। कोर्ट ने यह भी कहा कि फिलहाल मृत कर्मचारी की पत्नी को पेंशन मिल रही है जिससे वह किसी तरह बच्चों का पालन-पोषण कर रही है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति लेने के बाद परिवार को बेसहारा छोड़ देना गलत है और ऐसा करने वाला कानूनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। कोर्ट ने समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है और पारिवारिक न्यायालय के आदेश को सही माना है।


अन्य पोस्ट