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कोलकाता, 16 जुलाई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के विरोध में बुधवार को कोलकाता में एक मार्च का नेतृत्व करेंगी।
यह मार्च दोपहर लगभग एक बजे कॉलेज स्क्वायर से शुरू होगा और धर्मतला में समाप्त होगा।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मार्च में शामिल होंगे।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा है, और ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने ऐसे मुद्दों पर अपना विरोध तेज कर दिया है। उसका आरोप है कि बांग्ला भाषी लोगों को एक सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ भाषाई भेदभाव किया जा रहा है, गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है और उन्हें ‘‘अवैध प्रवासी’’ करार देने की साजिश की जा रही है।
राज्य सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘यह कोई साधारण राजनीतिक घटनाक्रम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पश्चिम बंगाल के सम्मान, भाषा और पहचान की रक्षा की लड़ाई है। अगर कोई किसी बंगाली को बांग्लादेशी कहता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे।’’
तृणमूल कांग्रेस अमूमन 21 जुलाई को हर साल आयोजित की जाने वाली अपनी शहीद दिवस रैली से पहले बड़े कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखती है। लेकिन ओडिशा में प्रवासी कामगारों की हिरासत, दिल्ली में अतिक्रमण रोधी अभियान और असम में एक विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा कूच बिहार के एक किसान को नोटिस जारी करने जैसी हालिया घटनाओं ने पार्टी को अपना रुख बदलने पर मजबूर कर दिया है।
इन मुद्दों को लेकर हो रहे प्रदर्शन यह भी दिखाते हैं कि अगले साल के मध्य में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल का चुनावी अभियान किस दिशा में जा रहा है।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘बंगाल अपना सिर कभी नहीं झुकाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई सिर्फ प्रवासी मजदूरों की नहीं है। यह हमारे अपने देश में सम्मान के साथ जीने के अधिकार की लड़ाई है।’’ (भाषा)