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ट्रायल शुरू होने पर दस्तावेज नहीं दिखाए तो वह जिरह में मान्य नहीं होगा- हाईकोर्ट
10-Jul-2025 12:24 PM
ट्रायल शुरू होने पर दस्तावेज नहीं दिखाए तो वह जिरह में मान्य नहीं होगा- हाईकोर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 10 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने साफ किया है कि अगर किसी दस्तावेज की असली कॉपी खो गई है, नष्ट हो गई है या जिसे साबित करना है वही पार्टी उसे छुपा रही है, तभी उसकी जगह दस्तावेज की प्रतिलिपि मान्य होगी। जांच या ट्रायल की शुरूआत में जो सेकेंडरी सबूत पेश नहीं किया गया, उसे बाद में सिर्फ जिरह के दौरान दिखा देने से वो मान्य नहीं होगा।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की बेंच ने कहा कि जिसे सेकेंडरी सबूत देना है, उसे पहले यह साबित करना होगा कि असली दस्तावेज क्यों नहीं लाया गया। अदालत ने सबूत कानून की धारा 65 और 66 का हवाला देते हुए कहा कि असली दस्तावेज के बिना कोई फोटोकॉपी तभी चलेगी जब ये साबित हो कि असली कागज खो गया है या जानबूझकर छुपाया गया है।

मामला उस शिकायत से जुड़ा है जिसमें एक महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने झूठा शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इंकार कर दिया। इसी आधार पर उसके खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ और गिरफ्तारी भी हुई। चार्जशीट के बाद ट्रायल कोर्ट में आरोप तय हुए। जिरह के दौरान पीड़िता ने एक ‘इकरारनामा’ पेश कर दिया जिसे ट्रायल कोर्ट ने सबूत के तौर पर मान भी लिया। आरोपी ने आपत्ति जताई कि ये कागज पहले कभी जांच में पेश नहीं हुआ था, न ही बयान दर्ज कराते वक्त दिखाया गया। फिर भी इसे बिना नोटिस के मान लिया गया। कोर्ट ने साफ किया कि ऐसा नहीं किया जा सकता।


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