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श्री गिरनार तीर्थ की आराधना के साथ चातुमार्सिक प्रवचन की शुरूआत, 85 श्रावक-श्राविकाओं ने किया तप
09-Jul-2025 6:11 PM
श्री गिरनार तीर्थ की आराधना के साथ चातुमार्सिक प्रवचन की शुरूआत, 85 श्रावक-श्राविकाओं ने किया तप

 आत्मा का श्रृंगार करने का समय है चातुर्मासः हंसकीर्ति श्री

'छत्तीसगढ़' संवाददाता

रायपुर, 9 जुलाई । एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में आज परम पूज्य साध्वी भगवंत श्री हंसकीर्ति की निश्रा में आत्मोत्थान वर्षावास 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। साथ ही श्री गिरनार तप आराधना का शुभारंभ हुआ। इसमें 85 श्रावक-श्राविकाओं ने तप किया। नागदा के प्रसिद्ध विधिकारक विपिनभाई वागरेचा ने श्री गिरनार तप की क्रियाविधि संपन्न करवाई। यह विशेष तप आराधना श्री नेमिनाथ भगवान के जन्म, दीक्षा एवं केवलज्ञान कल्याणक की स्मृति में की जा रही है। तप, जप और आराधना के क्रम में छठ पारणा (बियासना), एकांतर आठ उपवास, अट्ठम तप, एकांतर सात उपवास एवं पुनः छठ पारणा जैसे अनुक्रम शामिल है। जिसमें कुल मिलाकर 22 उपवास और 17 बियासना की भव्य आराधना संपन्न होगी। इस अवसर पर जिनवाणी सूत्र को बोहराने का लाभ श्रीमती पानी बाई आसकरण भंसाली परिवार को मिला। वहीं, मतिज्ञान का लाभ गौतमचंद संकलेचा परिवार, श्रुतिज्ञान का लाभ भागचंदजी अजित मूणोत परिवार, अवधि ज्ञान का लाभ सुमित परिवार, मनः पर्भवज्ञान का लाभ पारसचंद गोलछा परिवार और केवल ज्ञान का लाभ प्रकाश प्रवीण दस्सानी परिवार को मिला। चातुर्मासः आत्मा का श्रृंगार करने का अवसर साध्वी हंसकीर्ति चातुर्मास के पहले दिन कहा कि चातुर्मास के ये चार महीने त्याग, संयम और धर्म की साधना के हैं।

 

यह केवल मौसम परिवर्तन का काल नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर झांकने और उसे संवारने का समय है। इन महीनों में हमें बाहरी सजावट- जैसे कॉस्मेटिक्स, फैशनेबल कपड़े और चप्पल-जूतों का श्रृंगार छोड़कर आत्मा का श्रृंगार करना चाहिए। चातुर्मास हमें याद दिलाता है कि असली सुंदरता शरीर में नहीं, आत्मा में बसती है। साथ ही, उन्होंने श्रावक के नियमों यानी छह कर्तव्यों के बारे में बताया, जिन्हें इस चातुर्मास में हर श्रावक को अपनाना चाहिए। ये हैं- मंदिर दर्शन और पूजा करना, गुरुदेव के दर्शन और वंदन करना, स्वाध्याय करना, प्रवचन सुनना, गुरु से ज्ञान लेना, संयम में रहना और अपनी सीमा में जीना, यथाशक्ति नियमों का पालन करना, तप करना और दान देना। यही वे कर्तव्य हैं जो हमें आत्मा की उन्नति की ओर ले जाते हैं। गुरू पूर्णिमा महोत्सव कल चातुर्मास समिति के अध्यक्ष अमित मूणोत ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर 10 जुलाई, गुरुवार को सुबह 8.30 बजे से विशेष महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में गुरु भक्ति और जन-जन की आस्था के प्रतीक चारों दादागुरुदेव का पंचामृत अभिषेक कर गुरुपूजन महोत्सव मनाया जाएगा।


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