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स्वेच्छा से घर छोड़कर भागी नाबालिग के प्रेमी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट निरस्त किया हाईकोर्ट ने
13-Apr-2022 8:15 AM
स्वेच्छा से घर छोड़कर भागी नाबालिग के प्रेमी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट निरस्त किया हाईकोर्ट ने

'छत्तीसगढ़' संवाददाता 

बिलासपुर, 13 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 17 साल की एक नाबालिग के घर से फरार होने के बाद उसके प्रेमी के विरुद्ध दर्ज की गई पॉक्सो एक्ट की धारा को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि किशोरी पर प्रेमी ने भागने के लिए कोई दबाव नहीं डाला था। नाबालिग अब वयस्क हो चुकी है और उसने अपने प्रेमी से विवाह कर लिया है। उनका एक बच्चा भी है।

मामला रायपुर जिले का है। सन् 217 में 17 साल की किशोरी का प्रेम प्रसंग एक युवक से चल रहा था। परिवार के लोगों को मालूम हुआ कि उसका एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा है, तो उन्होंने किसी अन्य जगह उसका रिश्ता तय कर विवाह की तैयारी शुरू कर दी। इस बात की भनक लगने पर किशोरी ने घर से भागने का निर्णय लिया। वह रायपुर स्टेशन पहुंच गई। उसने अपने प्रेमी को फोन लगाया। प्रेमी ने कहा कि अभी वह नाबालिग है, इसलिए उसे भगाकर नहीं ले जा सकता। किशोरी प्रेमिका ने कहा कि वह उसी से शादी करेगी। यदि वह लेने के लिए नहीं आया तो वह खुदकुशी कर लेगी। प्रेमिका के दबाव में आरोपी युवक युवती के पास पहुंचा और उसे लेकर बेंगलूरु चला गया। इधर किशोरी के माता-पिता ने पुलिस में युवक के खिलाफ अपहरण व पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की और कोर्ट में पेश किया। निचली अदालत ने उसे पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया।

पॉक्सो एक्ट तथा अपहरण का केस दर्ज करने को आरोपी युवक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसने कहा कि किशोरी अपनी मर्जी से घर छोड़कर आई थी। उसने किसी तरह का दबाव नहीं डाला। उसने नाबालिग होने की वजह से उसे साथ ले जाने से मना भी किया था लेकिन किशोरी के घर वाले जबरदस्ती उसका किसी अन्य से विवाह करना चाहते थे इसलिए वह अपना हित देखकर घर से भागी। अब वह पीड़िता से विवाह कर चुका है और उसके तीन माह का एक बच्चा भी है। आरोपी युवक के बयान का किशोरी की ओर से भी कोर्ट में समर्थन किया गया और कहा कि उसने अपनी मर्जी से उसके साथ जाने का निर्णय लिया था क्योंकि वह उससे प्रेम करती थी।

कोर्ट ने कहा कि चूंकि लड़की ने स्वेच्छा से घर छोड़ने का निर्णय लिया और अब वह आरोपी से विवाह कर चुकी है। आरोपी के विरुद्ध उसे कोई शिकायत नहीं है, इसलिए युवक के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट व अपहरण का केस रद्द कर उसे रिहा किया जाए।

 


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