ताजा खबर

ओडिशा: दो सरकारी अफ़सरों की आपबीती- 'केंद्रीय मंत्री हमें कुर्सी से पीटने लगे'
23-Jan-2022 9:41 PM
ओडिशा: दो सरकारी अफ़सरों की आपबीती- 'केंद्रीय मंत्री हमें कुर्सी से पीटने लगे'

-संदीप साहू

केंद्रीय जल शक्ति और आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू पर दो सरकारी अधिकारियों को बेरहमी से पीटने का आरोप लगा है. हालांकि, टुडू ने इस आरोप का खण्डन किया है और कहा है कि यह आरोप उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की साजिश है.

यह घटना पिछले शुक्रवार के दोपहर ओडिशा के बारीपदा शहर में घटी. शुक्रवार को ही कथित मारपीट में घायल एक अधिकारी मयूरभंज जिला योजना बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर अश्विनी मल्लिक ने बारीपदा टाउन थाने में इस संदर्भ में एफ़आईआर दर्ज कराई है.

मंत्री टुडू ने उन पर लगे आरोप का खण्डन किया है. उन्होंने कहा, "ऐसी कोई घटना नहीं घटी. हां, यह सच है कि मैं उनसे मिलना चाहा था. लेकिन जब वे आए, उस समय मैं व्यस्त था. इसलिए मैने उन्हें अगले दिन आकर मिलने को कहा. क्योंकि अगले कुछ दिनों में राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सत्तारूढ़ बीजू जनता दल द्वारा यह मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश है."

एफ़आईआर में मल्लिक ने कहा कि मंत्री टुडू ने उन्हें और योजना बोर्ड के सहकारी निदेशक देवाशीष महापात्र को एक चेयर से पीटा, जिसमें महापात्र का बायां हाथ टूट गया और वे खुद भी घायल हो गए.

घटना के बाद इलाज के लिए दोनों घायल अधिकारियों को पहले बारीपदा के पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कालेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अगले दिन यानी शनिवार को महापात्र के टूटे हुए हाथ की सर्जरी के लिए उन्हें कटक के श्रीराम चंद्र भंज मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है. मल्लिक को भी चोटें आईं, लेकिन वे अब ख़तरे से बाहर हैं.

घटना के बारे में जानकारी देते हुए मल्लिक ने बीबीसी से कहा, "गुरुवार को हमें मंत्री जी के पीए का फोन आया. उन्होंने हमसे कहा कि सांसद स्थानीय विकास निधि के कार्यान्वयन के बारे में मंत्री जी हमसे बात करना चाहते हैं. उन्होंने हमसे इससे जुड़ी फ़ाइलें लेकर तकतपुर में स्थित भाजपा के कार्यालय में पहुंचने को कहा."

"हमने उनसे विनम्रता से कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि राज्य में इस समय पंचायत चुनाव के मद्देनज़र आदर्श आचार संहिता लागू है. कुछ देर बाद दोबारा उनका फोन आया और उन्होंने हमें एक शॉपिंग मॉल में मंत्री जी से मिलने को कहा."

"हमने फिर उनसे माफ़ी मांगी क्योंकि यह भी आचार संहिता का उल्लंघन होता. इसके कुछ देर बाद हमें दिल्ली से मंत्री जी के पीएस का फोन आया और हमें बिना फाइल के भाजपा कार्यालय में आकर मंत्री जी से मिलने को कहा गया."

मल्लिक ने कहा कि पीएस के कहने के मुताबिक़, वो और महापात्र भाजपा कार्यालय में पहुंचे और मंत्री टुडू से मिले. लेकिन जब टुडू को पता चला कि वे बिना फ़ाइल के आए हैं, तो वे भड़क गए और दोनों अधिकारियों को गालियां देनी शुरू कर दी. जब दोनों अधिकारियों ने इसका विरोध किया तो मंत्री और भड़क गए और एक चेयर उठाकर दोनों को पीटने लगे. दोनो अधिकारियों ने आक्रमण से बचने के लिए अपने हाथ ऊपर किए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और दोनों जख़्मी हो गए.

"इतना पीटा कि कुर्सी के हो गए कई टुकड़े''
मल्लिक ने कहा; "हम बार बार विनती करते रहे, लेकिन मंत्री जी ने हमारी एक नहीं सुनी. उन्होंने इतनी बेरहमी से हमें पीटा कि चेयर के कई टुकड़े हो गए."

यह पूछे जाने पर कि वे मंत्री के खिलाफ कैसी कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं, मल्लिक ने कहा, "हम तो यही चाहेंगे कि उनके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई हो और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हमें नियमों के ख़िलाफ कुछ करने के लिए मजबूर किया है. लेकिन जब भी उन्होंने ऐसा कुछ करने को कहा, हमने उन्हें विनम्रता से मना कर दिया. हो सकता है शुक्रवार को उन्होंने इसी का गुस्सा हम पर निकाला हो."

घटना की जांच कर रहे बारीपदा के सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) केके हरिप्रसाद ने बताया कि मल्लिक द्वारा दर्ज कराई गई एफ़आईआर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 325, 294 और 506 के तहत मामला दर्ज़ किया है और जांच चल रही है.

उन्होंने कहा, "हमने धारा 161 के तहत दोनों घायल अधिकारियों के बयान दर्ज कर लिए हैं. लेकिन चूंकि मंत्री जी अभी बाहर हैं, इसलिए उनसे इस बारे में पूछताछ नहीं हो पाई है."

मंत्री श्री टुडू के खिलाफ पहले भी सरकारी अधिकारियों के साथ बदसलूकी के आरोप लगे हैं.

पिछले साल अक्टूबर में उनपर आरोप लगा था कि क्योंझर जिले में एक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने एक अफ़सर के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किए थे.

इससे पहले मयूरभंज जिले में एक समीक्षा बैठक में उन्होंने कुछ अधिकारियों को गंदी गालियां दी थी, जिसका ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) संघ ने कड़ा विरोध किया था और संघ के सदस्यों ने काला बैज पहनकर उनके आचरण के खिलाफ़ प्रदर्शन किया था. (bbc.com)


अन्य पोस्ट