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आरंग थाना क्षेत्र के छटेरा गांव से जुड़ा मामला
दिव्यांग समिति ने लिखाई रिपोर्ट, अज्ञात ने उड़ाई नींद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जनवरी । मकान में हुई चोरी में पुलिस को कम से कम फिंगरप्रिंट या फिर कोई न कोई और बड़ा सुराग मिल जाता है और केस भी सुलझ जाता है। लेकिन किसी बाड़े में हुई चोरी और चोरों की दस्तक पुलिस को चक्कर खाने मजबूर कर दें, घटना दिलचस्प हो सकता है।
आरंग थाना क्षेत्र के ग्राम छटेरा में कुछ ऐसा ही हुआ है जिसमें पुलिस बकरा-बकरी के पीछे हलाकान हो रही है। इस मामले खुद थानेदार गांव-गांव घूमकर बकरा-बकरी खोजने में लगे हुए हैं। 10 बकरियों के साथ 1 बकरा गायब होने के बाद चोरी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। दरअसल छटेरा गांव में दिव्यांग समिति ने हाल में शासन से सहायता राशि लेकर 59 हजार रुपये में दस बकरियां और एक बकरा खरीदा था। बकरापालन के लिए छटेरा में उन्हें एक घर में रखा था। सुबह होने पर ये बकरा और बकरियां अचानक गायब मिली। दिव्यांग समिति ने इस घटना के बाद आरंग थाना में चल संपत्ति चोरी हो जाने से नुकसान की शिकायत की। और अब थानेदार और उनकी टीम गांव में चक्कर काटकर चोर और बकरा-बकरी सभी की तलाश में जुटे हैं।
7 जनवरी से तलाश रहे हैं वर्दीवाले
सूरज नाम के युवक ने थाना आकर एफआईआर दर्ज कराई है। समिति की ओर से दर्ज एफआईआर के बाद से पुलिस इनकी खोजबीन में जुटी हुई है। यह मामला 7 जनवरी का है, जब रात में बकरा-बकरी गायब हुए हैं। समिति ने बताया, दिन में बकरा-बकरी को लाकर उन्हें दाना और चारा खिलाया था। बाद में गांव के एक परिचित के घर बकरा-बकरी छोड़ दिया। रात में घटना घट गई।
सहायता लेकर शुरू किया था काम
दिव्यांग समिति के सदस्यों का कहना है उन्होंने छह लोग मिलकर बकरा-बकरी पालन का काम शुरू किया था। अज्ञात चोर की वजह से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। लॉक डाउन में छाई गरीबी के चलते अपना खुद का काम शुरू करने बकरी पालन के व्यवसाय को चुना था। चोरों ने 59 हजार के बकरा-बकरी गायब कर दिया।
नदी के उस पार बड़ा गिरोह सक्रिय
आरंग पुलिस की जांच में मालूम हुआ है महासमुंद की तरफ नदी के आसपास चोर गिरोह सक्रिय हैं। आरंग टीआई एलडी दीवान का कहना है पहले एक दो बकरा-बकरी चोरी होते रहे हैं। लेकिन यह पहला केस है जहां ग्यारह की एफआईआर दर्ज की गई है। टीआई बताते हैं वे खुद भी बकरा-बकरी की तलाश में दो से तीन बार गांव में चक्कर काट चुके हैं।


