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छोटे कुमार की मौत से शोक में डूबा जशपुर स्वस्फूर्त बंद, युद्धवीर में दिखती थी पिता की तरह ही दमदारी
20-Sep-2021 4:19 PM
छोटे कुमार की मौत से शोक में डूबा जशपुर स्वस्फूर्त बंद, युद्धवीर में दिखती थी पिता की तरह ही दमदारी

पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस से कल पहुंचेगा, जनदर्शन के बाद परसों अंत्येष्टि  

 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 20 सितंबर।
जशपुर कुमार स्व. दिलीप सिंह जूदेव के सबसे छोटे बेटे पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव के निधन की खबर से पूरा जशपुरनगर शोक में डूबा हुआ है। बाजार व निजी संस्थायें स्व-स्फूर्त बंद हैं। कल उनकी पार्थिव देह एयर एंबुलेंस से जशपुर लाया जायेगा और अंतिम संस्कार बुधवार को होगा।

ज्ञात हो कि आज तडक़े 4 बजे बेंगलूरु के एक निजी चिकित्सालय में युद्धवीर सिंह का निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीने से बीमार चल रहे थे। पीलिया के कारण उनके लीवर में संक्रमण फैल गया था। पहले रायपुर के एक निजी  अस्पताल में उनका इलाज चला, इसके बाद उन्हें अगस्त महीने में दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती किया गया। वहां उनके लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना था लेकिन शरीर में सूजन में कम नहीं हो रहा था। 15 दिन वहां भर्ती रहने के बाद परिवार के लोगों ने सितंबर के पहले सप्ताह में उन्हें बेंगलूरु ले जाकर भर्ती कराया। पर वहां भी उनके लीवर ट्रांसप्लांट की परिस्थितियां नहीं बन सकीं। उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और सोमवार को सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनके निधन से जशपुर इलाके में शोक की लहर है। जशपुर राजघराने का जिले के लोगों में पीढिय़ों से बड़ा प्रभाव है। सन् 2012 में युद्धवीर के बड़े भाई शत्रुंजय प्रताप जूदेव का निधन हो गया था, उसके बाद अगले साल 2013 में पिता दिलीप सिंह जूदेव की मृत्यु हो गई। इसके बाद अल्पायु में बेबाक व मुखर युद्धवीर सिंह की मौत से जशपुर के लोगों को सदमा पहुंचा है। पारिवारिक सूत्रों ने बताया है कि उनका पार्थिव शरीर कल सुबह 10 बजे एयर एंबुलेंस से जशपुर हवाईअड्डा पहुंचेगा। मंगलवार पूरे दिन से लेकर अगले दिन बुधवार को सुबह 11 बजे तक विजय पैलेस में अंतिम दर्शन किया जा सकेगा।  

युद्धवीर सिंह का जन्म 1 मार्च 1982 को हुआ था। उनकी पत्नी संयोगिता सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं। युद्धवीर सिंह से बड़े, मंझले भाई प्रबल प्रताप सिंह भी भाजपा में सक्रिय हैं। वे भाजपा के संगठन मंत्री हैं। स्व. शत्रुंजय प्रताप सिंह की पत्नी प्रिया सिंह जूदेव भाजपा की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की प्रभारी हैं। उनके बेटे 18 वर्षीय शौर्य प्रताप सिंह भी भाजपा से जुड़ चुके हैं। वे युवा मोर्चा में सक्रिय हैं।

युद्धवीर सिंह ने भी अपनी राजनीति की शुरुआत भाजयुमो से की। सन् 2005 में दुलदुला से निर्वाचित होकर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने। 2007 में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। 2008 में उन्होंने चंद्रपुर से विधानसभा चुनाव जीता। उन्हें बेवरेज कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया। दूसरी बार जीतने पर उन्हें संसदीय सचिव पद दिया गया।

स्व. दिलीप सिंह जूदेव के बाद उनकी विरासत को संभालने के लिये युद्धवीर सिंह को एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा था। जूदेव परिवार के घर वापसी मुहिम को उन्होंने संभाल रखा था। वे अपनी बात दमदारी से कहते थे। हाल के कई मौकों में वे अपनी ही पार्टी भाजपा के नेताओं को सवालों के घेरे में ले चुके थे। उन्होंने कहा था कि पार्टी संगठन में छत्तीसगढिय़ा माटी पुत्रों की कमी है। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी तारीफ की थी।

जशपुर जिले में इन दिनों उद्योगों को लाने की तैयारी चल रही है। इसका भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया और कहा कि उद्योगपति यहां आने से पहले अपना जीवन बीमा करा लें।


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