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ब्लैक फंगस से दो पहली मौतें, कोरबा के युवक व रतनपुर की महिला की जान गई
28-May-2021 9:12 AM
ब्लैक फंगस से दो पहली मौतें, कोरबा के युवक व रतनपुर की महिला की जान गई

उपचार के लिये दवाओं की उपलब्धता नहीं, 18 प्लस टीकाकरण छठवें दिन भी ठप

बिलासपुर, 28 मार्च। संभाग में ब्लैक फंगस के पहले मामले सामने आये हैं। कोरबा के एक 44 वर्षीय युवक की सिम्स चिकित्सालय में तथा बिलासपुर की महिला की एम्स रायपुर में मौत हुई है। जिले में मिला पहला ब्लैक फंगस मरीज स्वस्थ होने के बाद घर वापस लौट गया है।

सिम्स चिकित्सालय के नोडल अधिकारी डॉ आशुतोष कोरी ने बताया कि रतनपुर की 60 साल की महिला बहुरा धीवर 18 मई को सिम्स में भर्ती कराई गई थी। आंखों में फंगस की पुष्टि होने के बाद सिम्स में उपचार शुरू किया गया। स्थिति को गंभीर देखते हुए दो दिन बाद उन्हें रायपुर एम्स रेफर कर दिया गया था। वहां जांच में मरीज के दिमाग में फंगस फैलने का पता चला। गुरुवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। इधर सिम्स में मंगलवार को कोरबा के एक 44 वर्षीय युवक को ब्लैक फंगस की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। कल रात उसकी भी मृत्यु हो गई।

ब्लैक फंगस की दवाओं की काफी कमी के कारण इलाज में बाधा आ रही है। मरीजों को उपचार में एम्फोटेरेसिन बी दवा दी जा रही है। इसकी 55 डोज सिम्स चिकित्सालय में उपलब्ध है लेकिन लाइसो सोमएस उपलब्ध नहीं हो पा रही है। विधायक शैलेष पांडेय ने औषधि विभाग से रायपुर में सम्पर्क कर दवाओं की शीघ्र आपूर्ति करने का आग्रह किया है। यह इंजेक्शन बाजार में भी उपलब्ध नहीं है।

इस समय सिम्स में 18 मरीजों का उपचार चल रहा है जिनमें से 12 बिलासपुर जिले के हैं इसके अलावा यहां जांजगीर अकलतरा पेंड्रा कोरबा और चिरमिरी के मरीज भी भर्ती कराए गए हैं। जिले में सबसे पहले तखतपुर के 42 वर्ष के शैलेष सिंगरौल को ब्लैक फंगस की शिकायत आई थी। उसे कोरोना संक्रमण के बाद रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लौटने के बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देने के बाद रायपुर फिर इलाज के लिये भेजा गया। करीब डेढ़ माह उपचार के बाद वे स्वस्थ होकर तखतपुर वापस लौट गये हैं।

11 की मौत 3 जिले से

जिले में कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच मौतों की संख्या भी कम हो रही है। बीते 24 घंटे के भीतर शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे 11 लोगों की मृत्यु हुई जिनमें से 3 बिलासपुर जिले के हैं। इसके अलावा कोरोना के 65 नए संक्रमित मामले भी सामने आए।

छठवे दिन भी बंद रहा टीकाकरण

18 साल से 44 वर्ष आयु के लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने का काम लगातार छठवें दिन ठप पड़ा रहा। जिला अस्पताल में शेष बचे 80 टीके कल लगाये गये। लोगों ने सीजी टीका ऐप में रजिस्ट्रेशन करा रखा है और रोज अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर जिला टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि इस श्रेणी को टीका लगवाने की डिमांड एक सप्ताह की जा चुकी है और रिमाइंडर भी दिया गया है लेकिन रायपुर में ही टीके उपलब्ध नहीं है। जिले में करीब 5 लाख लोगों को ये टीके लगेंगे। अब तक करीब एक लाख लोगों को पहला डोज लगाया जा चुका है। दूसरी तरफ 45 प्लस आयु वर्ग को टीका लगाने का काम जारी है। अब तक करीब 4 लाख टीके इस वर्ग के लगाये जा चुके हैं। अभी 20 हजार डोज बचे हुए हैं।


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