कोरिया

कारगिल युद्ध में सेना को सबसे बड़ा साथ जनता के प्रोत्साहन का मिला और पाकिस्तान पर हमारी बड़ी जीत हुई...
25-Jul-2022 3:26 PM
कारगिल युद्ध में सेना को सबसे बड़ा साथ जनता के प्रोत्साहन का मिला और पाकिस्तान पर हमारी बड़ी जीत हुई...

कारगिल युद्ध के जवान रहे रामकेश्वर प्रसाद की ‘छत्तीसगढ़’ से बातचीत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 25 जुलाई।
तब 50 मीटर से गोली जाती थी तो लगता था कि कान के पास से गोली जा रही है, कारगिल युद्ध में सेना को सबसे बड़ा साथ जनता के प्रोत्साहन का मिला, जिसके कारण पाकिस्तान पर हमारी बड़ी जीत हुई। उक्त बातें ‘छत्तीसगढ़’ से कारगिल दिवस के उपलक्ष्य में कारगिल युद्ध के गवाह रहे रामकेश्वर प्रसाद ने कही।

आठवीं जेक ली सियाचिन बटालिन के जवान रामेश्वर प्रसाद वर्ष 1996 में सेना भी भर्ती हुए थे, वर्ष 2016 में वे रिटायर हो गए। इन दिनों कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में निवासरत है।
कारगिल युद्ध के समय वे पूंछ सेेक्टर में तैनात थे, उनके साथ कुल 3 बटालियन भी थी, कारगिल युद्ध को लेकर वे बताते हंै कि उसे समय मोबाइल नहीं थी, परिवार को कभी कभार ही बात हो पाती थी और हमारे देश की जनता युद्ध में शामिल होने के लिए सैकड़ों पत्र भेजा करती थी, लोग लिखते थे कि वो आकर युद्ध करना चाहते है।

पत्रों को हमें बताया भी जाता था, जिससे जवानों का प्रोत्साहन मिलता, सबसे बड़़ा साथ हमें जनता का मिला। यदि पाकिस्तान की ओर से एक गोली चलती तो हमारी ओर से सैकड़ों गोलियों की बौछार हो जाया करती थी, जिससे पाकिस्तान के हौसले पस्त हो जाते है, दुश्मन किस हथियार का प्रयोग कर रहा है, युद्ध में समय समय पर तत्काल प्रशिक्षण दिया जाता था, वहीं हमारी बटालियन ने कारगिल युद्ध के अलावा उस समय 105 आतंकियों का मार गिराया था। उनकी पूरी बटालियन कारगिल युद्ध खत्म होने के बाद भी 2 साल तक वहीं रही।

वे बताते हंै कि उसके बाद हमें यूएन की ओर से शांति सेना में सूडान भेजा गया, 6 महिने के लिए भेजे जाने वाले इस अभियान में हम लोग डेढ़़ वर्ष सूडान में रहे, सैकड़ों लोगों के हथियार जब्त कर लोगों को आम जिंदगी जीने के लिए प्रेरित किया।  
आखिर क्या थी कारगिल युद्ध की वजह ?

कारगिल युद्ध वही लड़ाई थी, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने द्रास-कारगिल की पहाडिय़ों पर कब्जा करने की कोशिश की थी. भारतीय सेनाओं ने इस लड़ाई में पाकिस्तानी सेना तथा मुजाहिदीनों के रूप में उसके पि_ुओं को परास्त किया। कारगिल युद्ध के तीन चरण रहे, पहला, पाकिस्तानी घुसपैठियों ने श्रीनगर को लेह से जोड़ते राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाक एक पर नियंत्रण स्थापित करने के मकसद से अहम सामरिक स्थानों पर कब्जा कर लिया। दूसरा, भारत ने घुसपैठ का पता लगाया और अपने बलों को तुरंत जवाबी हमले के लिए लामबंद करना शुरू किया तथा तीसरा, भारत और पाकिस्तान के बलों के बीच भीषण संघर्ष हुआ और पड़ोसी देश की शिकस्त हुई। भारतीय सेना की कार्रवाई में उसके चार हजार सैनिकों की जान गई। भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए और 1363 अन्य घायल हुए। विश्व के इतिहास में कारगिल युद्ध दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई जंग की घटनाओं में शामिल है।
 


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