कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 4 जून। शासकीय गुण्डाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोण्डागांव के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा कैरियर मार्गदर्शन व प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय ई-टॉक के पहले दिन शासकीय महाविद्यालय लवन, जिला बलौदाबाजार के प्राणीशास्त्र के सहायक प्राध्यापक अजय मिश्रा ने उच्च शिक्षा में कैरियर सम्भावनाएं विषय पर अपने व्याख्यान में छात्रों को स्नातक के बाद स्नातकोत्तर में दोस्तों की देखादेखी या घर परिवार के दबाव में नहीं, बल्कि केवल मनपसंद विषय जिसमें उनकी अपार रुचि हो और जिसमें वे अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, को ही चुनने पर जोर दिया।
उन्होंने यूजीसी और सीएसआईआर नेट जेआरएफ के विषयों, उनके पाठ्यक्रम, उनके प्रश्नपत्र, उनकी महत्ता और इनकी तैयारी करने के विषय में विस्तार से समझायंा। उन्होंने अपने व्याख्यान में छात्रों को वर्तमान महामारी काल की आपदा को अवसर में परिवर्तित करते हुए, खुद को सोशल मीडिया से दूर रहकर ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं में लिप्त करने की सलाह दी।
पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने तैयारी के लिए उपयोगी पुस्तकों की जानकारी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से उच्च शिक्षा में विभिन्न कैरियर संभावनाएं बड़े ही रोचक अंदाज में छात्रों से साझा कीं। व्याख्यान के बाद छात्रों के प्रश्नों के भी संतोषप्रद उत्तर दिए, जिसे छात्रों ने बहुत पसंद किया।
एक छात्रा के प्रश्न, जिसमें पूछा गया था कि जब आप किसी परीक्षा की तैयारी करते हैं, तो बहुत से लोग आपका मनोबल गिराते भी हैं, इस दशा से कैसे निपटा जाए, के उत्तर में अजय मिश्रा ने कहा कि ये पूरा ब्रह्मांड करोङ़ों ब्लूटूथ कनेक्शंस से भरा पड़ा है, आपको बस इतना करना है कि आप अपने ब्लूटूथ को केवल उन्हीं के साथ सेयर कीजिये जो आपको सकारात्मकता देते हैं।
ई-टॉक के दूसरे दिन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के सूत्र विषय पर अजय मिश्रा ने छात्रों को करंट अफेयर्स पर ज्यादा फोकस करने की बात कही इसके लिए उन्होंने अपने आसपास की हर छोटी बड़ी चीज के बारे में जानकारी रखने पर जोर दिया। अपने व्याख्यान में उन्होंने बहुत छोटी छोटी दैनिक जीवन की बातों के उदाहरण जैसे आईपीएल में बायो बबल, एफएमसीजी, मोबाइल एलटीई, 2जी, 3जी, 4जी, 5जी इंटरनेट जनरेशन्स, यूपीआई, बीएसप्ट बीएसट गाडिय़ों में अंतर, वैक्सीनेशन के जनरेशन्स, नेट बैंकिंग इत्यादि रोज मर्रा के शब्दों के बारे में विस्तार से समझाया। इसके साथ ही उन्होंने किसी प्रदेश की पढ़ाई शुरू करने के लिए पहले उस स्थान के मैप को समझने और एक एक बिंदु पर फोकस करने कहा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कोई न कोई मैगजीन जरूर पढऩे की सलाह के साथ हिदायत दी कि मैगजीन पढक़र उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को इंडेक्स के रूप में बनाकर रखें जिससे परीक्षा के समय रिविजन करने में मदद मिलती है। दूसरे दिन के प्रश्नोत्तर सेशन में एक छात्रा के सवाल कि अंग्रेजी कितनी जरूरी है और इसे सुधारने के लिये क्या किया जाना चाहिए के उत्तर में उन्होंने सबसे पहले अंग्रेजी के डर को मन से निकालने को कहा, इसके साथ ही अंग्रेजी के समाचार पत्र मोबाइल एप्स से पढऩे को कहा, इससे एकदम से अंग्रेजी नही आने लगेगी, मगर धीरे धीरे शब्दों के अर्थ और वाक्यों के भाव समझते समझते अंग्रेजी अच्छी हो जाएगी।
कार्यक्रम के समापन पर कोण्डागांव महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण नुरूटी ने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से कैरियर बनाने पर जोर दिया साथ ही छात्रों के मार्गदर्शन हेतु इस तरह के लगातार आयोजनों के लिए महाविद्यालय आइक्यूएसी तथा कैरियर मार्गदर्शन और प्लेसमेंट प्रकोष्ठ की प्रशंसा की। गूगल मीट के द्वारा हुए इस आयोजन में करीब 300 छात्रों ने पंजीयन करवाया था। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक नसीर अहमद कर रहे थे, तथा आभार प्रदर्शन डॉ आशीष आसटकर ने किया। कार्यक्रम के सफल सचालन में विनय देवांगन व देवाशीष हालदार ने फीडबैक फॉर्म तथा सर्टिफिकेट निर्माण में तकनीकी योगदान दिया। इनके अतिरिक्त सहायक प्राध्यापक पुरोहित सोरी, शोभाराम यादव, शशिभूषण कन्नौजे, रूपा सोरी और चित्रकिरण पटेल के साथ समस्त अतिथि सहायक प्राध्यापक व तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की सहभागिता रही।