कोण्डागांव

राज शार्दुल
विश्रामपुरी, 14 मार्च (छत्तीसगढ़)। रसोई गैस के लगातार बढ़ते दाम से उज्जवला योजना की कमर टूट रही है। आसमान छूते गैस सिलेंडर के दाम से अब महिलाओं ने लकड़ी के धुएं एवं गर्मी की परवाह न करते हुए वापस चूल्हे पर ही खाना ही बनाना उचित समझा। उज्जवला योजना के हितग्राहियों ने महीनों से गैस रिफिल कराना बंद कर दिया है। अब टंकी एवं गैस चूल्हा घरों में शोपीस बनकर रह गया है।
उज्जवला योजना के तहत गरीब महिलाओं को केंद्र सरकार से पहले 200 रुपये तथा बाद में निशुल्क गैस कनेक्शन तो बांट दिए गए किंतु उस समय इस बात का अंदाजा नहीं था कि रसोई गैस का दाम में इस कदर बेतहाशा वृद्धि होगी तथा इससे गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन से दूर होना पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम ने पेट्रोल डीजल के साथ-साथ रसोई गैस का दाम भी बढ़ा दिया। गैस रिफिल के लिए रकम का इंतजाम नहीं होता इसलिए माकड़ी के बालोंड पंचायत निवासी सुकोबाई नेताम ने अपना रसोई गैस टंकी एवं चूल्हा को अपने बेटी दामाद को दे दिया। घसनीन मरकाम दरबार पारा बालोंड की है फ्री में गैस कनेक्शन पाकर खुशी तो हुआ किंतु लगातार बढ़ते दाम से गैस कनेक्शन से मोहभंग हो गया अब यह घर की शोभा बढ़ा रहा है। वह पास के जंगल से लकड़ी ढोकर खाना बनाती है।
शिवन्तीन मरकाम (70 वर्ष) ने बताया कि वह जंगल से लकड़ी लाती है। शरीर में ताकत नहीं है तो लकड़ी का छोटा बंडल बनाकर लाती हैं। रोशनी मरकाम ने बताया कि उनके उन्हें भी उज्जवला योजना का लाभ मिला है वह चार पांच महीना में एकाध बार ही एक बार ही रिफिल कराती है।गैस का उपयोग का उपयोग सिर्फ चाय बनाने के लिए होता है ताकि मेहमान एवं बाहर से आने वाले लोगों को चाय के लिए इंतजार न करना पड़े ।
बांसकोट निवासी उर्मिला ने बताया कि तीन साल पहले उन्हें उज्जवला का कनेक्शन मिला था पैसे के अभाव में एक बार भी रिफिल नहीं करा पाये। किरण नेताम एवं नगीना ने रिफिलिंग का पैसा नहीं होने के कारण अपना कनेक्शन पड़ोसियों को दे दिया है। ज्यादातर हितग्राहियों को यह भी पता नहीं है कि उनके खाते मे सबसिडी की रकम जमा हुई है या नहीं।
जिले में कुल उज्जवला योजना के 76512 हितग्राही हैं। जिसमें गैस रिफिल कराने वालों की संख्या बेहद कम है
कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें उज्जवला योजना का कनेक्शन मिला था किंतु उन्होंने एक बार भी रिफिल नहीं कराया क्योंकि इतने पैसे उनके पास एक साथ होते ही नहीं कि वे रिफिलिंग करा सके।
जब महिलाओं को उज्जवला योजना कनेक्शन का लाभ मिला था उस समय 14.2 किलोग्राम गैस का दाम 450 रुपये के आसपास था जो अब लगभग दोगुनी हो गई है। इस समय गैस का दाम लगभग 850 रुपये चल रहा है।