खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

12 किमी दूर दमकल दफ्तर, जब तक पहुंची, घर जलकर खाक
25-May-2025 6:40 PM
12 किमी दूर दमकल दफ्तर, जब तक पहुंची, घर जलकर खाक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 25 मई। शहर और दमकल के बीच की दूरी एक बार फिर बड़ी आगजनी का कारण बनी। अल सुबह लोग जब अपने बिस्तर पर सो रहे थे, गौरव पथ पर डॉ. किरण शंकर बाजपेयी का घर जल रहा था। धुएं से डॉक्टर जागे। परिवार के साथ वे फौरन बाहर भागे। दमकल को सूचना दी।  बारह किलोमीटर दूर दफ्तर से फायर ब्रिगेड की टीम आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची, तब तक पूरा घर जल चुका था।

डॉ. बाजपेयी के मुताबिक सुबह करीब 4.30 बजे पानी पीने के लिए उठे थे। तार जलने की बू आई। बाहर निकाल कर देखा तो चारों ओर काला धुआं था। घर में रखे फायर उपकरण के जरिए उन्होंने आग पर काबू पाने की कोशिश की। नाकाम रहे। फटाफट परिवार को उठाया और घर से बाहर निकल गए।

उन्होंने फौरन फायर ब्रिगेड के नंबर पर कॉल किया। मदद पहुंचाने के इंतजार में खड़े डॉ. बाजपेयी ने अपने घर को अपनी आंखों के सामने जलकर खाक होता देखा।  गनीमत रही कि इस मकान से लगा कोई दूसरा मकान नहीं था। वरना आग फैल सकती थी।  आग लगने की वजह फ्रिज के कंप्रेसर फटने को बताया जा रहा है।

भला हो सीमेंट प्लांट का वरना बाल्टीभर पानी न मिले

बलौदाबाजार जिले में सीमेंट प्लांट्स होने का एक फायदा तो है कि आपात स्थिति में कई बार लोगों को यहां से अग्निशमन की गाडिय़ां मिल जाती हैं। कई बार तो स्थितियां ऐसी भी रही कि यह कंपनियां मदद न करती तो आग बुझाने के लिए लोगों को बाल्टी भर पानी तक नहीं मिल पाता। कंपनियां प्रशासन की सूचना पर भेजी जाती हैं। लोग सीधे इन कंपनियों के अधिकारियों को कॉल कर मदद मांग ले, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हैं।

 डिस्ट्रिक्टकमांडेंट पुष्पराज सिंह का कहना है कि  फायर स्टेशन के लिए विभाग को बजट मंजूर है। जमीन के अभाव में स्टेशन चालू नहीं कर पाए रहे हैं। दो-तीन भूमि  चयनित की है। स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। जमीन अलॉटमेंट होते ही फायर स्टेशन बनने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

अध्यक्ष नगर पालिका  बलौदाबाजार अशोक जैन का कहना है कि  स्थिति गंभीर है फायर ब्रिगेड अब जिला मुख्यालय में ही हो, इसके लिए कलेक्टर समेत मंत्री से चर्चा करेंगे। बलौदाबाजार में फायर स्टेशन के लिए जल्द जगह सुनिश्चित करने की मांग करेंगे।

फायर स्टेशन के लिए बजट है, जमीन नहीं मिली

बलौदाबाजार में पहले भी आगजनी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। फायर ब्रिगेड टीम के मौके पर पहुंचने तक सब कुछ बर्बाद हो जाने की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने पिछले साल शहर में फायर स्टेशन बनाने बजट भी दिया। बलौदाबाजार का दुर्भाग्य कहिए या लाल फीताशाही की मनमानी, फायर स्टेशन बनने के लिए अफसर आज तक जमीन नहीं खोज पाए हैं। दूसरी ओर शहर की बेशकीमती जमीने भू माफियाओं के कब्जे में हैं। इन्हीं जमीनों को खाली करवा दिया जाए तो प्रशासन को फायर स्टेशन बनने के लिए अच्छे लोकेशन में ठीक-ठाक जमीन मिल सकती है।


अन्य पोस्ट