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आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, यह भाजपा के संघर्षों की जीत - मधुसूदन
03-May-2023 3:30 PM
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, यह भाजपा के संघर्षों की जीत - मधुसूदन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 3 मई। आरक्षण पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मधुसूदन ने कहा कि रमन सरकार की आरक्षण का ही सुप्रीम कोर्ट ने  हरी झंडी दी है। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा हम 58 प्रतिशत आरक्षण पर न्यायालय से दी गई अंतरिम राहत का अभिनंदन करते हैं। इस फैसले से न केवल प्रदेश की तात्कालीन भाजपा सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण का फैसला सही साबित हुआ है, बल्कि कांग्रेस जिस तरह इस मामले में दोहरी राजनीति करती रही है, उसका भी पर्दाफाश हुआ है।

भाजपा शासन काल में लागू आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा षड्यंत्र कर हाईकोर्ट में याचिका लगवाकर, अपास्त घोषित किए गए आरक्षण संशोधन अधिनियम 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। यह भाजपा की वैचारिक जीत है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी यह समझ लेना चाहिए कि वे संविधान से ऊपर नहीं हैं सही नीयत से कानून बनाने पर क्या होता है, यह सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से जाहिर हुआ है।

अगर सच में आपकी नीति सस्ती राजनीति से प्रेरित नहीं बल्कि वास्तव में वंचितों को न्याय दिलाने की होती है, तो सारे संवैधानिक प्रावधानों पर विचार-विमर्श कर कानून बनाया जाता है; जैसा भाजपा सरकार ने बनाया था।

उन्होंने कहा, इसी तरह पिछड़े वर्ग को दिए आरक्षण के विरुद्ध कांग्रेस सरकार में ही कुणाल शुक्ला हाईकोर्ट जाकर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को रूकवाया था। कांग्रेस सरकार ने आरक्षण की मुखालफत करने का पुरस्कार जहां श्री खांडे को आयोग का अध्यक्ष बना कर दिया, वहीं कुणाल शुक्ला को कबीर शोधपीठ का अध्यक्ष बनाया। ऐसा दोहरा चरित्र केवल कांग्रेस का ही हो सकता है। आरक्षण के मामले में जब हाईकोर्ट में मामला था, तब भी कांग्रेस ने जान बूझ कर केस को कमजोर किया। कोर्ट में अपना पक्ष सही से नहीं रखा, जिस कारण वह हाई कोर्ट में मुकदमा हार गयी।

उन्होंने कहा, 19 सितंबर 2022 को भूपेश सरकार के षड्यंत्र और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट से अपास्त आरक्षण अधिनियम का प्रभाव नौकरियों सहित अन्य शिक्षा सुविधाओं पर ना हो इसके लिए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने शुरू से संघर्ष किया और भूपेश सरकार पर आंदोलन और पूरे प्रदेश में चक्का जाम कर दबाव बनाया किया कि हाईकोर्ट से अपास्त घोषित आरक्षण पर न्याय केवल सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है।

परंतु भूपेश सरकार अपने हठधर्मिता के कारण इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाने से बचती रही, और तो और जब अन्य आदिवासी पक्षकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोटिस जारी करवाए तो भूपेश सरकार ने नोटिस का भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया।

नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर मधुसूदन यादव ने कहा कि आदिवासी नेता और भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता नंदकुमार साय की कांग्रेस में जाने का अपना निजी स्वार्थ होगा। साय को भाजपा में पूरा मान सम्मान मिला। इतना कांग्रेस में किसी नेता को नहीं मिला है। भाजपा ने उन्हें पूरा सम्मान दिया है। प्रेस वार्ता में केसीजी जिला भाजपा अध्यक्ष घम्मन साहू, पूर्व संसदीय सचिव कोमल जंघेल, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, रामाधार रजक, अनिल अग्रवाल, विनय देवांगन, चन्द्रशेखर यादव, आयश सिंह, नरेंद्र श्रीवास,आलोक श्रीवास, विनय चोपड़ा, शशांक ताम्रकार, अंकित अग्रवाल, यतीश सिन्हा मौजूद रहे।

 


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