खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 30 दिसंबर। रानी अवंतीबाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र छुईखदान में एकीकृत राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं उद्यानिकी विभाग राजनांदगांव के सौजन्य से 200 घंटे का ‘माली प्रशिक्षण’ कार्यक्रम 9 दिसंबर से 17 जनवरी तक कराया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न नर्सरी एवं उनके आधुनिक तकनीकी संबंधी जानकारी के लिए राजनांदगांव स्थित नर्सरियों एवं विभिन्न कृषि प्रक्षेत्रों का भ्रमण कराया गया। उक्त जानकारी बुधवार को डॉ. बीएस असाटी ने दी।
मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षणर्थियों ने शासकीय उद्यानिकी नर्सरी पेंड्री राजनांदगांव, पं. किशोरीलाल शुक्ला उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान राजनांदगांव की उद्यानिकी नर्सरी, सलूजा कृषि फार्म, पं. शिवकुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र राजनांदगांव के शुष्क उद्यानिकी प्रक्षेत्र, कृषि विज्ञान केन्द, राजनांदगांव आदि के प्रक्षेत्रों में लगे हुए विभिन्न उद्यानिकी फसलों एवं नर्सरी तैयार करने किए जाने वाले आधुनिक तकनीकी के बारे जानकारी प्राप्त की।
साथ ही उक्त संस्थाओं के प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रशिक्षार्थियों ने उद्यानिकी फसलों जैसे आम, संतरा, अमरूद, बेर आदि में कलम बांधना, ग्राफ्टिंग, बडिंग प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप में कर विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उद्यानिकी अधीक्षक केके डहरिया ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रक्षेत्र में लगे विविध फसलों एवं हाईट्रक सीडींग इकाई का भ्रमण कराकर उनके बारे में जानकारी दी। उद्यानिकी महाविद्यालय राजनांदगांव के अधिष्ठाता डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण के बाद उपलब्ध रोजगार विषय में मार्गदर्शन किया एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. उमेश देशमुख ने उद्यानिकी फसलों में किए जाने वाले प्रवर्धन एवं प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
डॉ. आरएन सिंह ने प्रशिक्षणर्थियों को माली प्रशिक्षण की उपयोगिता एवं उनमें सफल हुए किसानों के बारे बताया। डॉ. अविनाश कुमार गुप्ता ने उद्यानिकी क्षेत्र में स्वरोजगार एवं स्वावलंबन हेतु मार्गदर्शन दिया एवं सहायक प्राध्यापक श्री द्विवेदी प्रसाद ने शुष्क उद्यानिलकी फसलों में प्रवर्धन एवं प्रबंधन के बारे बताया। गुंजन झा ने प्रशिक्षणार्थियों को अमरूद में कटाई-छंटाई प्रक्रिया के बारे बताया एवं बोर्डेक्स मिक्सचर का उपयोग के बारे भी जानकारी दी।


