कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 28 जुलाई। तेज बारिश ने बोड़ला नगर की सडक़ों की सच्चाई उजागर कर दी है। तहसील कार्यालय के पास कबीर कुटी से लेकर भोरमदेव चौक बाईपास तक सडक़ें पानी से लबालब हो गईं। करीब एक फीट तक भरे पानी से राहगीरों और वाहनों की आवाजाही थम सी गई थी। नगर की भीतर जानी वाली सडक़ में ब्रेकर के पास जगह-जगह बने गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है।
पुरानी सडक़ पर बह रहा पानी, सडक़ की हालत खस्ता
नगर के भीतर जाने वाली पुरानी सडक़ पर तो पानी सीधे सडक़ के ऊपर बह रहा है। इससे डामर की परतें उखड़ रही हैं और सडक़ की हालत दिन-ब-दिन खराब हो रही है।
जिम्मेदारी का टालमटोल
जलभराव को लेकर नेशनल हाईवे विभाग और नगर पंचायत के बीच जिम्मेदारी का टकराव है।
एनएच विभाग कहता है, नगर सीमा में सफाई व रखरखाव नगर पंचायत का काम है। वहीं नगर पंचायत का तर्क है, ये राष्ट्रीय राजमार्ग है, एनएच की जिम्मेदारी है।
इसी खींचातानी में सडक़ें तबाह हो रही हैं, जनता परेशान है।
करोड़ों के पेवर ब्लॉक भी खुदवाए गए
कुछ महीने पहले करोड़ों की लागत से लगाए गए पेवर ब्लॉक को भी ठेकेदार ने सोलर लाइट लगाने के नाम पर खोद डाला। इससे पानी निकासी पूरी तरह बंद हो गई और अब हर बारिश में सडक़ें तालाब बन रही हैं। और इसके लिए जिम्मेदार नगर पंचायत और नेशनल हाईवे दोनों ठेकेदार पर कार्रवाई करने के लिए कतरा रहे अभी तक कोई कार्रवाई नहीं थी बल्कि ठेकेदार के द्वारा पेवर ब्लॉक खुदवाए जाने से दुकानदारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
दुकानदार बोले -‘कुंभकर्णीय नींद में सो रहा एनएच’ व नगर पंचायत पप्पू पाटिल, सागर सिंह, चंकी यादव और सोहन साहू मुन्ना यादव जैसे स्थानीय दुकानदारों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा- बरसात में पूरा बाजार जलमग्न हो जाता है। जिम्मेदार विभाग सो रहा है। करोड़ों की सडक़ें और पेवर ब्लॉक बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ता।
इनका कहना है कि सडक़ किनारे डंप बिल्डिंग मटेरियल और अवैध अतिक्रमण से नालियाँ पूरी तरह बंद हो गई हैं, यही जलभराव की असली वजह है।
तस्वीर ही सबूत
मौके की तस्वीरें साफ दिखा रही हैं कि सडक़ें पानी में डूबी हैं और वाहन चालकों को जोखिम उठाकर निकलना पड़ रहा है।
जनता की माँग -तत्काल कार्रवाई हो
नगरवासियों ने प्रशासन से माँग की है कि तुरंत नालियों की सफाई करवाई जाए, जलभराव हटाया जाए और सडक़ों को फिर से दुरुस्त किया जाए। साथ ही एनएच और नगर पंचायत के बीच जिम्मेदारी स्पष्ट कर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि जनता को राहत मिल सके।


