कांकेर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 23 अगस्त। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। कांग्रेस के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को दर्शाता है। यह विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। उक्त बातें कुंवर सिंह निषाद विधायक गुंडरदेही ने आज कांग्रेस भवन कांकेर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कही।
प्रदेश कांग्रेस द्वारा उन्हें कांकेर का प्रभारी नियुक्त किया गया था। श्री निषाद ने कहा कि यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती।
उन्होंने बताया कि विधायक देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार में न भाषण दिये और न ही कलेक्टर ऑफिस के प्रदर्शन में शामिल थे। वे भीड़ में पांच मिनट रूक कर वापस आ गये थे। कहीं भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं और न ही वे किसी प्रकार की घटना में शामिल थे। पुलिस ने उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। सरकार और पुलिस बताये कि किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, पूछताछ की गयी। न्याय संगत कार्रवाई होनी चाहिये।
श्री निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार 8 माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है। पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाने उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है। विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया। बलौदाबाजार के मामले में सतनामी समाज और कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उनको जेलों में डाला गया।
कांग्रेस भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं। इस प्रकार के कृत्यों से हमारा कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठाएगा। बलौदाबाजार में हुई आगजनी की भयावह घटना शासन प्रशासन की बड़ी लापरवाही व सरकार की इंटेलीजेंट के फैल हो जाने के कारण हुई। समय रहते सरकार व प्रशासन सचेत हो जाता व समाज के द्वारा सीबीआई जांच की मांग को पूर्व में ही मान लेता तो प्रदेश को शर्मसार करने वाली घटना से बचा जा सकता था।
पूरी घटना के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है। लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया, जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है। इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
विधायक ने सवाल उठाया कि धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमीशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रूपयों की व्यवस्था किसने किया? इतनी बड़ी घटना के बाद भडक़ाऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे?