जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 27 सितंबर। आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जशपुर जिले के फतेपुर में एक नये आदि सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति रही। यह केंद्र आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास, सामाजिक उत्थान तथा विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रमुख माध्यम बनेगा। जशपुर जिले में अब तक 417 गाँव में आदि सेवा केंद्र का उद्घाटन कर दिया गया है कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जनपद सदस्य दिनेश्वर प्रधान ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस दौरान उमावती भगत सरपंच बुमतेल ने इस केंद्र को ‘जनहित और जनसहभागिता की नई पहल’ बताते हुए कहा कि यह केंद्र आदिवासी समाज को आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
आदि सेवा केंद्र का महत्व
फतेपुर में स्थापित यह सेवा केंद्र ग्रामीण एवं आदिवासी परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित करेगा। यहाँ स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबंधित जानकारी व सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही, केंद्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर, छात्रवृत्ति परामर्श, आजीविका संवर्धन गतिविधियाँ और सांस्कृतिक संरक्षण से जुड़े ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का उद्देश्य केवल योजनाओं की जानकारी देना ही नहीं है, बल्कि ग्रामीण समाज को जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि सेवा केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों को जोडऩे वाली कड़ी साबित होगा और यहाँ से दी जाने वाली सेवाएँ हर जरूरतमंद परिवार तक पहुँचेगी।
स्थानीय सहयोग और सहभागिता
कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत करते हुए प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस केंद्र की गतिविधियों में सक्रिय सहयोग देंगे, जिससे योजनाओं का लाभ सही समय पर पात्र लोगों तक पहुँच सके।
भविष्य की योजनाएँ
सेवा केंद्र से आगे चलकर मोबाइल शिविरों और गाँव-गाँव जागरूकता अभियानों का भी संचालन होगा। इसके अतिरिक्त, युवाओं के लिए रोजगारमूलक प्रशिक्षण, महिला स्व-सहायता समूहों को समर्थन, और डिजिटल माध्यमों से शिक्षा व जानकारी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने सामूहिक रूप से इस अभियान की सफलता की कामना की और लोगों से केंद्र का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। समारोह न केवल एक संस्थान की शुरुआत है, बल्कि एक सामाजिक क्रांति का प्रतीक है, जो आदिवासी समाज को नई दिशा और नई पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।


