जशपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 26 मार्च। कुनकुरी मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के पास प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा कि भक्त अपनी समस्या लेकर भोले बाबा के पास जाते हैं तो कि उनकी समस्याओं का समाधान भी बाबा करते जाते हैं। भगवान विष्णु, इन्द्रदेव, वरूण, अरूण भी शिव जी के पास अपने भीतर के संशय समाप्त करने के लिए पास जाते थे।
कुनकुरी विकासखंड में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के तौर पर मान्यता प्राप्त मधेश्वर महादेव के समीप हो रहे शिव महापुराण कथा को सुनने छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पहुंचे हैं। 27 मार्च तक चलने वाली इस कथा में श्रद्धालुगण दिव्य अनुभव प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी कौशल्या साय , महिला बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष व पत्थलगांव विधायक गोमती साय व जशपुर विधायक रायमुनि भगत सहित उनके परिवार के अन्य सदस्य भी आज शिव महापुराण कथा का रसपान किया।
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि जो भी श्रद्धालु शिव महापुराण कथा का हृदय से श्रवण करता है तो भोले बाबा उनकी समस्याओं का निदान अवश्य करते हैं। कथा में रामायण काल के समय के प्रभु श्री राम , लक्ष्मण और केवट निषाद राज, माता शबरी के कथा का सुंदर वर्णन किया गया।
पं. प्रदीप मिश्रा ने प्रभु श्री राम और निषाद राज केवट का सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि 14 साल के वनवास के समय राम जी की मुलाकात निषाद राज से हुई। जब प्रभु श्री राम नदी के तट पर पहुंचे तो उनको एक से एक सुंदर हीरो मोती, सोना , चांदी जडि़त और सुंदर कलाकृति वाली नाव दिखी। प्रभु श्री राम ने सारे नाव को वापस कर भेज दिया सिर्फ एक टूटी नाव में जाने की इच्छा जाहिर की। निषाद राज अपनी नाव से पानी कपड़े से निचोड़ कर पानी बाहर निकाल रहे थे। प्रभु श्री राम ने कहा कि हे निषाद राज क्या आप मुझे नदी के उस पार ले कर जाएंगे, इसके लिए मुझे क्या मूल्य आपको देना होगा।
निषाद राज ने प्रभु श्री राम से कहा -हे प्रभु मैं आपका चरण अपने घर के पानी से धोना चाहता हूं। प्रभु श्री राम ने कहा -हे निषाद राज आप तो नदी के पानी से भी मेरा चरण धो सकते हो। कथा में प्रभु श्री राम और निषाद राज के प्रेम भाव का वर्णन किया गया
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जशपुर वासियों के लिए बड़ा सौभाग्य की बात है। साक्षात शिव जी मधेश्वर पहाड़ के रूप में जशपुर में विराजमान हैं और शिव भक्तों को अपनी कृपा बरसा रहे हैं। छत्तीसगढ़ीवासी बहुत धन्य हैं, प्रभु श्री राम ने वनवास काल का अधिकतम समय छत्तीसगढ़ में बिताया है।