जशपुर

डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद
27-Sep-2023 3:29 PM
डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद

मात्र झंडा फहराने आते हैं कार्यकर्ता और सहायिका- आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 27 सितम्बर।
मानदेय में बढ़ोतरी होने के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खराब होती जा रही है। बच्चों को खाना खिलाने के बाद 12 बजे छुट्टी दे दी जाती है। और दोबारा नहीं बुलाया जाता है। ऐसा रोजाना चलता है। जशपुर जिले के मनोरा विकास खंड के आस्ता क्षेत्र के ग्राम पंचायत गीधा के जुजकोना का आंगनबाड़ी केंद्र सालों से बंद पड़ा है। आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाली कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा बीमारियों को कम करने और कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने की और अगर कोई अस्वस्थ पाया जाता है तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाया जाता है इन सभी योजनाओं से जुजकोना के बच्चे वंचित है।

पोषाहार समेत अन्य सामग्री भी बंद

डेढ़ सालों से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खोलने से ग्रामीण विश्वनाथ ने बताया कि विभागीय अनदेखी एवं आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता और सहायिका की मनमानी से आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाली सुविधाओं से बच्चे एवं महिलाएं वंचित है। करीब डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुला है, और आंगनबाड़ी केंद्र में बंटने वाली पोषाहार समेत अन्य  सामग्री नहीं मिली है। इस संबंध में शिकायत करने के बाद भी विभाग आंगनबाड़ी केंद्र खुलवाने को लेकर गंभीर नहीं दिखी। 

दोनों जशपुर में रहते है 

ग्रामीण विश्वनाथ, असर्थ, विष्णु राम, नेम राम, प्रभु राम, दिलीप राम ने बताया कि डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है ना तो कार्यकर्ता तारा बेच और सहायिका रेणुका भगत केंद्र आते हैं। कई बार इस संबंध में विभाग को जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक कोई पहल नही हुआ है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कार्यकर्ता और सहायिका दोनों जशपुर में रहते हैं। और 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने आते हैं। 

कार्यकर्ता से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि घर में पति की तबियत खराब होने से और निजी स्वास्थ कारणों से नहीं जा पाई, लेकिन सेक्टर सुपरवाइजर जे. केरकेट्टा से बात करने पर उन्होंने बताया कि वजन त्यौहार में आंगनबाड़ी केंद्र जाते है, और ग्रामीणों का कहना है कि सेक्टर सुपरवाइजर कार्यकर्ता और सहायिका से ग्रामीण अंजान है।


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