जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 25 अगस्त। राज्य भर के सरपंच संघ ने मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल शुरू कर दी है। इनका कहना है कि कोरोना संक्रमणकाल के कारण दो साल का कार्यकाल यूं ही गुजर गया। कोई कामकाज नहीं हो पाया है। लिहाजा दो साल का कार्यकाल बढ़ाया जाए। इसके अलावा 20 हजार रुपये मानदेय देने और सरपंच निधि के रूप में 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष राशि स्वीकृत करने की मांग सरकार के सामने रख दी है।
सरपंचों का कहना है कि मानदेय, पेंशन, कार्य एजेंसी, सरपंच निधि, 15वां वित्त आयोग अनुदान राशि सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के मनोरा विकास खंड के 44 ग्राम पंचायतों के सरपंच काम बंद-कलम बंद कर हड़ताल पर रहेंगे। पंचायत स्तर से जुड़े किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। मनोरा ब्लॉक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र सौंपकर हड़ताल शुरू किया गया।
सरपंचों एवं पंचों का मानदेय मेंं वृद्धि कर 20000 व 5000 किया जाए। सरपंचो का पेंशन 10,000 दिया जाए। 50 लाख राशि तक सभी कार्यों में कार्य एजेंसी पंचायत को बनाया जाए । सरपंच निधि के रूप में 10,00000 /- दिया जाए, नक्सलाईटों द्वारा सरपंचों को मारे जाने पर 20 लाख आर्थिक सहायता दिया जाए। 15 वां वित्त के राशि को अन्य मदद में अभिषरण नही किया जाए। 15 वां वित्त की राशि को जनपद व जिला सदस्य द्वारा अपने ही क्षेत्र में दिया जाए।
नरेगा सामाग्री राशि भुगतान हर 3 महिने किया जाए, नरेगा निर्माण कार्य में 40 फीसदी अग्रिम राशि दिया जाए, सरपंचो व पंचो के कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाया जाए, ग्रामीण प्रधान मंत्री आवास की राशि को 2 लाख करते हुए तत्काल राशि जारी किया जाए, सरपंचो के अविश्वास प्रस्ताव अधिनियम में संशोधन किया जाए, धारा 40 में संशोधन किया जाए।


