जशपुर

रांची के प्रोफेसर के बयान पर प्रबल प्रताप की तीखी प्रतिक्रिया
06-Dec-2021 7:51 PM
रांची के प्रोफेसर के बयान पर प्रबल प्रताप की तीखी प्रतिक्रिया

  कहा-गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर कराया जाता है धर्मांतरण  

सांसद गोमती साय के संसद में दिये बयान पर आई थी फादर प्रफुल्ल की प्रतिक्रिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 6 दिसंबर।
संसद में रायगढ़ सांसद गोमती साय द्वारा धर्मांतरण विषय पर उठाये गए प्रश्न पर रांची के प्रोफेसर फादर प्रफुल्ल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश मंत्री व घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि मौलिक अधिकार की दुहाई देने वाले प्रोफेसर को यह भी मालूम होना चाहिए कि ईसाई समाज को भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, जिसके तहत संविधान द्वारा उनके लिए अलग से 3 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। ईसाई धर्म अपना चुके लोगों को हिंदुओं के सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षित कोटे से आरक्षण दिलवाकर सेवा के नाम पर चंगाई सभा में गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें धर्मांतरित कराते हैं।

उन्होंने कहा कि चंगाई सभा में गंभीर बीमारी के मरीजों को ईश्वरीय चिकित्सा के नाम पर इकट्ठा कर ऐसे परिवारों की शिनाख्त की जाती है, जो आर्थिक रूप से टूट चुके हों। उसके बाद उन परिवारों से संपर्क साधकर उनके बच्चों को अपने स्कूलों में दाखिला देकर कालांतर में धर्मांतरित किया जाता है। जूदेव ने सवाल किया कि जब अस्पताल खोलकर सेवा की जा रही है तो चंगाई सभा किसलिये?

 आप अस्पताल खोलकर जब सेवा कर ही रहे हैं तो ये चंगाई सभा किसलिए। प्रोफेसर साहब, इंतजार करें उनको घर वापसी भी समझ आएगी और भारतीय संविधान भी। प्रबल ने मांग की है केंद्र सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए धर्मांतरित हिंदुओं को आरक्षण के लाभ से वंचित कर दें।


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