जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 7 नवंबर। कुमेकेला का 31 वर्षीय दिव्यांग युवक 12वी पढऩे के बाद अम्बिकापुर रोड आईटीआई कालेज से कम्प्यूटर कोर्स करने पश्चात भी काम के लिए दर दर भटकने को मज़बूर है। रोजाना अपने ट्राई साइकिल से शहर की तरफ आकर काम की तलाश करता युवक जब प्रशासन से अपनी गुहार लगाते लगाते थक गया तो शहर में लोगों के पास काम मांगा पर सभी ने काम देने से इंकार कर दिया कारण है कि ये युवक जो दिव्यांग है।
‘छत्तीसगढ़’ से बात करते हुए रविन्द्र धिरहि ने कहा कि जैसे तैसे हाई स्कूल की परीक्षा पास कर आईटीआई कालेज से कम्प्यूटर कोर्स कर लिया हु पर अब तक मेरे पास किसी तरह का कोई काम नहीं है। पूर्व में जशपुर जाकर कलेक्टर से मिला था और अपना आवेदन भी दिया था पर उसके बाद भी कुछ नहीं हो सका। मेरा इतना पढऩे और कम्प्यूटर कोर्स करने का क्या मतलब जब शासन प्रशासन किसी तरह की कोई मदद करने को तैयार नही हैं। इससे अच्छा होता कि मैं पढ़ाई ही नहीं किया रहता। अब कब तक इसी तरह लोगों से काम मांगता रहंू। मुझे सरकारी मदद के रूप में 350 रु बैंक खाते में आता है। जिससे ट्राई साइकिल बनवाने में ही ख़र्च हो जाता है। पंचर बनवाने में 20 रु लग जाता हंै, तो 350 रु. में अपना गुजर बसर कैसे करूँ क्या सरकार बस कहने के लिए ही है। या हम लोगों की भी सुनी जाएगी या हम जैसे लोगों के लिए भी सरकार के पास कोई योजना है। जिससे हमें रोजगार या जीवन जीने का रास्ता मिल संके। मुझे 85फीसदी विकलांग का सर्टिफिकेट दे दिया गया है। जिसके कारण कहीं कोई काम नहीं देता अब मैं क्या करूँ, कहां जाऊं, मुझे सरकार बताए।


