अंतरराष्ट्रीय

म्यांमार: तख़्तापलट को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए तेज़, कई हताहत
28-Feb-2021 5:04 PM
म्यांमार: तख़्तापलट को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए तेज़, कई हताहत

म्यामांर में सैन्य तख़्ता पलट के विरोध में प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं, जिन्हें बड़े हिंसक तरीके से दबाया जा रहा है.

रविवार को यंगून, मांडले और अन्य शहरों में सुरक्षाबलों के सख़्त रवैये के बावजूद ज़ोरदार प्रदर्शन हुए हैं. प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए सुरक्षाबलों ने रबर की बुलेट और टियर गैस के साथ असली गोलियां चलाने की भी ख़बरें हैं.

ख़बरें मिल रही हैं कि कई प्रदर्शनकारी गोलियों का निशाना बने हैं. हालांकि हताहतों के बारे में पुख़्ता तौर पर पता करना मुश्किल है.

म्यांमार में बीती एक फरवरी को हुए सैन्य तख़्तापलट के बाद से मुख्य शहरों और कस्बों में सैन्य शासन के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शन अब धीरे-धीरे हिंसक रूप लेते दिख रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों में लगभग हर समाज, वर्ग और उम्र के लोग नज़र आ रहे हैं जो कि सैन्य शासन से म्यांमार की सर्वोच्च नेता रहीं आंग सान सू ची को रिहा करने की माँग कर रहे हैं.

एक फरवरी को सेना ने तख़्ता पलट करके आंग सान सू ची समेत सरकार में शामिल शीर्ष नेताओं को अपदस्थ कर दिया था.

वहीं, सेना की ओर से लगातार इन विरोध प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश की जा रही हैं. यंगून शहर में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आँसू गैस के गोले और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया है. सुरक्षाबल रबर की गोलियों का भी इतेमाल कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, रविवार को विरोध प्रदर्शन की जगहों से गोलियां चलने की आवाज़ और ग्रेनेड का धुआं देखा गया है.

कम से कम दो समाचार एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि की है कि रविवार को म्यांमार पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गई हैं.

रॉयटर्स ने बताया है कि जब स्टन ग्रेनेड और टियर गैस से भीड़ तितर बितर नहीं हुई तो पुलिस ने यंगून शहर के अलग–अलग हिस्से में गोलियां चलाई हैं.

बीबीसी बर्मा सेवा के मुताबिक़, दवेई कस्बे में चार लोगों की मौत गोली लगने से हुई है और कई लोग घायल हुए हैं.

एक चैरिटी संस्था ने बीबीसी को बताया है, “कुल चार लोगों की मौत हुई है जो कि दवेई, येब्यू, लॉन्गलॉन के रहने वाले थे. और कई लोग जख़्मी हुए हैं.” इस मामले में कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार भी किया गया है.

एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स से कहा है कि एक व्यक्ति को सीने में गोली के घाव के साथ अस्पताल लाया गया था जिसकी मौत हो गई.

इसके साथ ही राजनेता क्याव मिन तिके ने रॉयटर्स को बताया है कि पुलिस ने दवेई कस्बे में भी गोलियां चलाई है जिसमें तीन लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही इस गोलीबारी में कई लोग घायल हुए हैं.

रॉयटर्स के मुताबिक़, शिक्षकों की ओर से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को ख़त्म करने के लिए स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जिसमें एक महिला शिक्षक की मौत हो गई है.

बौद्ध बहुसंख्यक आबादी वाले देश के पहले कैथोलिक कार्डिनल चार्ल्स मॉन्ग बो ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, “म्यांमार एक युद्धस्थल जैसा हो गया है.”

रविवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर नज़र आए हैं जिनमें साफ़ दिख रहा है कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ रहे हैं और कई लोग लहूलुहान हुए हैं.

उन्होंने कहा ,"उन्होंने हम पर कल, और उससे पहले भी गोलियां चलाई थीं. लेकिन मैं इसकी परवाह नहीं करती. विरोध प्रदर्शन के लिए घर छोड़ने से पहले ही मैंने अपने परिवार को गुडबाय कह दिया है, क्योंकि हो सकता है कि मैं कभी घर वापस ही ना लौटूं. सेना पहले ही नाकाम हो चुकी है. हम सेना को ये बताना चाहते हैं कि हमें ख़ौफ़ नहीं है और हम पीछे नहीं हटने वाले." (bbc.com)


अन्य पोस्ट