अंतरराष्ट्रीय

न्यूयॉर्क, 8 नवंबर | अमेरिका की उपराष्ट्रपति-चुनी गईं कमला हैरिस ने विलमिंगटन, डेलावेयर में जीत का अद्भभुत भाषण दिया। जाने-माने विषयों का जिक्र किया और जो बाइडेन के उस साहस की तारीफ की कि जो उन्होंने उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर एक महिला को चुनकर दिखाया।
हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन का उल्लेख करते हुए कहा, "हर छोटी लड़की आज रात को देखेगी कि यह संभावनाओं का देश है।"
हैरिस लाल और नीली बत्ती लगी एक मोटरसाइकिल पर पहुंची, जो कि संकेत था व्हाइट हाउस अब डोनाल्ड ट्रंप-माइक पेंस के हाथ से चला गया है। वे पीच और व्हाइट कलर का पैंट सूट पहने थीं। अपनी बातों में हैरिस ने बहुसांस्कृतिक अमेरिका के अविश्वसनीय वादे की झलक दिखाई।
अपने भाषण में उन्होंने कहा, "कांग्रेसी जॉन लुईस ने अपने निधन से पहले लिखा था कि लोकतंत्र एक राज्य नहीं है। यह एक अधिनियम है। इससे उनका मतलब था कि अमेरिका के लोकतंत्र की गारंटी नहीं है। यह उतना ही मजबूत है जितना कि इसके लिए लड़ने की, रक्षा करने की हमारी इच्छा मजबूत है। लोकतंत्र की रक्षा में संघर्ष है, यह कुछ बलिदान मांगता है, लेकिन इसमें खुशी और प्रगति भी है। क्योंकि हम लोगों में बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति है।"
उन्होंने कहा, "मेरी मां श्यामला गोपालन हैरिस ..जब 19 साल की उम्र में भारत से अमेरिका आईं होंगी तो उन्होंने इस पल की कभी कल्पना भी नहीं की होगी। लेकिन वो अमेरिका में भरोसा करती थीं। मैं सोचती हूं आज के इस पल ने महिलाओं की पीढ़ियों, अश्वेत महिलाओं, मूल अमेरिकी महिलाओं सभी के लिए रास्ता बनाया है।"
जो को लेकर उन्होंने कहा, "जो के चरित्र की खासियत है कि वे अपने साहस से बाधाओं को तोड़ते हैं, उन्होंने एक महिला को उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनकर एक अहम बाधा को तोड़ा है। जब मैं इस कार्यालय में पहली महिला हो सकती हूं, तो मैं अंतिम नहीं होगी। आज रात हर छोटी लड़की देखेगी कि यह संभावनाओं का देश है। लिंग की परवाह किए बिना हमारे देश ने बच्चों को एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि महत्वाकांक्षा के साथ सपने देखें, ²ढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ें और उन रास्तों पर जाएं जो दूसरों के लिए आसान नहीं थे, हम आपको हर कदम पर सराहेंगे।"
अमेरिकियों को लेकर हैरिस ने कहा, "अमेरिका के लोगों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसे वोट दिया। मैं जो कि तरह उप-राष्ट्रपति बनने की कोशिश करूंगी जैसे वे ओबामा के लिए थे: वफादार, ईमानदार, और हर दिन आपके और आपके परिवार के बारे में सोचकर जागने वाले। क्योंकि अब जब असली काम शुरू हो रहा है तो सबसे जरूरी काम है इस महामारी को हराकर हमारी अर्थव्यवस्था का पुर्ननिर्माण करना।"(आईएएनएस)