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अमेरिका,04 नवम्बर | अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के अब तक नतीजों के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन में से कौन जीत की ओर बढ़ रहा है.
अमेरिका में अगला राष्ट्रपति कौन बनने जा रहा है?
इन सवालों का सबसे सही जवाब फ़िलहाल यही होगा कि यह हमें नहीं पता, क्योंकि अब तक डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन की जीत का फ़ैसला करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं गिने गए हैं.
वास्तव में, महामारी के दौरान हुए इस चुनाव में पोस्टल बैलटों की संख्या बहुत अधिक है जिसकी गिनती करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है. और अगर नतीजों को लेकर कुछ क़ानूनी चुनौतियां आती हैं तो इसमें कुछ हफ़्ते लग सकते हैं. यह मुश्किल भरा हो सकता है.
अब तक क्या संकेत हैं?
राष्ट्रपति बनने के लिए, ट्रंप या बाइडन को पॉपुलर वोट जीतने की आवश्यकता नहीं है. बल्कि, प्रत्याशियों को राष्ट्रपति बनने के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में जीत हासिल करना ज़रूरी होता है.
प्रत्येक राज्य से इलेक्टर्स की संख्या मोटे तौर पर उस राज्य की आबादी के अनुपात में होती है. तो अगर आप उन राज्यों को जीतते हैं तो आप उसके (नेब्रास्का और माइन को छोड़कर क्योंकि उनकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है) वोट भी जीतते हैं.
कुल इलेक्टर्स की संख्या 538 है. लिहाज़ा इलेक्टोरल कॉलेज के 270 वोट जो जीतेगा वो ही राष्ट्रपति बनेगा. कैलिफ़ोर्निया में सबसे ज़्यादा 55 इलेक्टर्स हैं. जबकि व्योमिंग, अलास्का और नॉर्थ डेकोटा जैसे कुछ राज्यों में इन इलेक्टर्स की संख्या न्यूनतम तीन है.
तो रिकॉर्ड मतदान के बावजूद, केवल कुछ ही राज्य इस चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण हैं जो नतीजे का फ़ैसला करेंगे. इन राज्यों को स्विंग स्टेट या बैटलग्राउंड स्टेट कहा जाता है.
अमरीका में कुल 50 राज्य हैं और 40 से ज़्यादा राज्यों के बारे में पहले से लोगों को लगभग अंदाज़ा होता है कि किस राज्य में किस उम्मीदवार की जीत होगी.
बाक़ी 8-10 राज्यों में हर चुनाव में स्थिति बदल जाती है, कभी यह डेमोक्रैट उम्मीदवार का समर्थन करते हैं तो कभी रिपब्लिकन उम्मीदवार को जीता देते है.
अब तक क्या हुआ?
अनुमान है कि बाइडन और ट्रंप उन राज्यों को जीत लेंगे जहां उनके आराम से जीतने की उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी.
कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में दोनों के बीच कांटे की टक्कर की स्थिति अब भी बरक़रार है.
हालांकि जिन राज्यों में दोनों के बीच नज़दीकी मामला चल रहा है वहां पोस्टल बैलटों की गिनती अभी शुरू नहीं हुई है. यह गिनती स्थिति को पूरी तरह बदल सकती है.
ये कौन से राज्य हैं?
चलिए एक-एक कर उन राज्यों पर एक नज़र डालें.
फ़्लोरिडा: यहां डोनाल्ड ट्रंप को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया है. कई जानकार यहां की मियामी-डेड काउंटी में क्यूबाई-अमेरिकी वोटरों का ट्रंप को समर्थन की ओर इशारा कर रहे हैं.
एरिज़ोनाः इस राज्य ने 1996 से डेमोक्रैट उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया है लेकिन यहां बाइडन के लिए एक संभावित लाभ जैसी स्थिति दिख रही है. चुनाव प्रचार के दौरान इस बार बाइडन की नज़रें यहां रहने वाले प्रगतिशील युवा लैटिनवासियों पर थीं.
विस्कॉन्सिन और पेंसिलवेनियाः इन राज्यों ने अभी पोस्टल बैलटों की गिनती शुरू तक नहीं की है और इसमें कुछ दिन लग सकते हैं.
क्या है ताज़ा हाल?
डोनाल्ड ट्रंप उम्मीद से बेहतर कर रहे हैं और बाइडन उन महत्वपूर्ण राज्यों को जीतने में नाकाम रहे हैं जहां वोटों की जल्द गिनती होती है. मतलब अभी अनिश्चितता की स्थिति है क्योंकि हम कुछ प्रमुख राज्यों के नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं.
ट्रंप और बाइडन ने अब तक के नतीजों पर क्या कहा?
जो बाइडन ने अपने समर्थकों से कहा, "हम यह जीतने जा रहे हैं." साथ ही उन्होंने धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया.
कुछ ही मिनटों बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, "हम काफ़ी आगे हैं लेकिन वे चुनाव नतीजे हमसे चुराना चाहते हैं." ट्वीटर ने इस ट्वीट को भ्रामक बताया है. ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान ने इसे सेंसरशिप बताया.
क्या हमें अभी इंतज़ार करना होगा?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही संसद के ऊपरी सदन सीनेट की एक तिहाई सीटों के लिए भी चुनाव हो रहा है. अब तक के नतीजों में कुछ बड़े मौक़े आए लेकिन सीनेट में जीत किसकी होगी इस पर अब भी संशय बरक़रार है.
साउथ कैरोलाइना में ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम की अपने डेमोक्रैटिक प्रतिद्वंद्वी जेमी हैरिसन पर जीत का अनुमान है, जहां एक वक़्त लग रहा था कि वो हार सकते हैं.
क्विनॉन कॉन्सपिरेसी थ्योरी का खुल कर समर्थन करने वाली पहली रिपब्लिकन नेता मारजोरी टेलर ग्रीन ने सीनेट की सीट जीत ली है.
सीनेट में बहुमत के लिहाज़ से ज़रूरी अलबामा में डेमोक्रेट्स की हार हो गई है लेकिन कोलोराडो को उसने रिपब्लिकन से छीन लिया है.
एरिज़ोना और न्यू जर्सी ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए मारिजुआना को वैध बनाने के पक्ष में वोट दिया.
अमेरिका के चुनावी इतिहास में पहली बार एक ट्रांसजेंडर सांसद का निर्वाचन हुआ है. डेलावेयर से एक ट्रांसजेंडर प्रत्याशी सारा मैकब्राइड को सीनेटर चुना गया है.
सारा मैकब्राइड अमेरिका में सबसे ऊंची रैंकिंग पर चुने जाने वाली पहली ट्रांसजेंडर हैं.
With her victory in today's election, @SarahEMcBride has become the nation's first openly transgender State Senator! https://t.co/RPz4hhlLKB pic.twitter.com/wYNgabMP9L
— LGBTQ Victory Fund (@VictoryFund) November 4, 2020
अब क्या होगा?
शायद आने वाले कई दिनों तक हमें नतीजे नहीं पता हों. फ़िलहाल यही सबसे संभावित परिदृश्य दिख रहा है क्योंकि यह अब पोस्टल बैलटों की गिनती पर निर्भर करेगा. मिशिगन, विस्कॉन्सिन और पेंसिलवेनिया जैसे राज्यों में इन मतों की गिनती अभी बाकी हैं.
आने वाले वक़्त में इसमें वकील भी शामिल हो सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर चुनाव के नतीजे बेहद क़रीबी रहे तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख़ करेंगे. मतलब साफ़ है कि इसमें कई हफ़्ते लग सकते हैं.
तो क्या अनिश्चितता से अमेरिका में अशांति पैदा होगी? निश्चित रूप से वहां एक अनिश्चितता होने जा रही है, लेकिन कई अमेरिकियों ने अपनी चिंताओं को लेकर बात की है लिहाज़ा यह कहना ज़ल्दबाजी होगी कि वहां काफ़ी बड़ी अशांति होगी.(https://www.bbc.com/hindi)