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पेशावर, 13 अक्टूबर। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले सप्ताह हुईं घातक झड़पों के बाद द्विपक्षीय व्यापार के लिए सोमवार को दूसरे दिन भी सीमाएं बंद रहीं और सैकड़ों लोग फंसे रहे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शनिवार रात अफगान बलों ने कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया, जिसके बाद झड़पें शुरू हुईं। अफगानिस्तान के अधिकारियों ने दावा किया कि अफगान जमीनी और हवाई क्षेत्र का बार-बार उल्लंघन किए जाने के जवाब में उन्होंने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
पाकिस्तान की सेना ने कम आंकड़े देते हुए कहा कि सीमा पर जवाबी गोलीबारी में उसके 23 सैनिक मारे गए और तालिबान से जुड़े 200 से अधिक आतंकवादी” ढेर हो गए। सऊदी अरब समेत विभिन्न देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
अधिकारियों ने कहा कि डूरंड रेखा के नाम से जाने वाली 2,611 किलोमीटर लंबी सीमा पर रविवार के बाद से गोलीबारी होने की सूचना नहीं है। अफगानिस्तान ने कभी डूरंड रेखा को मान्यता नहीं दी है। यह स्पष्ट नहीं है कि सीमा कब से खुलेगी।
सरकारी अधिकारी इम्तियाज अली ने बताया कि हालांकि दक्षिण-पश्चिमी चमन सीमा क्रॉसिंग व्यापार के लिए बंद है, फिर भी अधिकारियों ने रविवार से वहां फंसे लगभग 1,500 अफगान नागरिकों को पैदल लौटने की अनुमति दे दी।
पाकिस्तान के तोरखम में एक प्रमुख उत्तर-पश्चिमी क्रॉसिंग सोमवार को सभी प्रकार की यात्रा और व्यापार के लिए बंद रही। स्थानीय व्यापारियों के प्रतिनिधि मुजीब उल्ला ने इस बंद की पुष्टि की।
अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर कार्रवाई के कारण पाकिस्तान छोड़ने की तैयारी कर रहे अफगान शरणार्थियों ने बताया कि वे रविवार से तोरखम क्रॉसिंग पर इंतजार कर रहे हैं।
गुल रहमान नामक एक शरणार्थी ने कहा कि वह रविवार को तोरखम में इंतजार करते रहे और फिर अपने परिवार के साथ उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर लौट गए।
उन्होंने कहा, "मेरे जैसे सैकड़ों लोग आस-पास के इलाकों में चले गए हैं या पेशावर वापस आ रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि वह तोरखम सीमा के फिर से खुलने का इंतजार करेंगे। (एपी)


