अंतरराष्ट्रीय
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 16 सितंबर। नेपाल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मारे गए कुछ ‘जेन-जेड’ युवाओं का मंगलवार को काठमांडू के पशुपति आर्यघाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया जबकि कुछ अन्य लोगों के शवों का अन्य जिलों में अंतिम संस्कार किया गया।
‘जेन जेड’ पीढ़ी से तात्पर्य 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए युवाओं से है।
पशुपति मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि यहां बागमती नदी के तट के निकट चार शवों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
ऊर्जा एवं भौतिक अवसंरचना मंत्री कुलमन घीसिंग और गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल मृतकों के परिजनों के साथ अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
काठमांडू के महाराजगंज स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल से अंतिम यात्रा निकाली गई और यह पशुपति में समाप्त हुई। इस दौरान हजारों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद थे।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद छह शवों को अंतिम संस्कार के लिए काठमांडू से बाहर विभिन्न जिलों में ले जाया गया।
रविवार और सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बाकी शव परिजनों को सौंप दिए गए।
नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने घोषणा की थी कि आठ और नौ सितंबर को ‘जेन-जेड विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को “शहीद’’ घोषित किया जाएगा।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को 15 लाख नेपाली रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। प्रदर्शनकारियों की मौत के शोक में बुधवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा तथा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
नेपाल में आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों और 10 कैदियों सहित 72 लोग मारे गए थे, जिसके कारण प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सरकार गिर गई थी।
‘माई रिपब्लिका’ समाचार पोर्टल में मंगलवार को जारी खबर में बताया गया कि कई मंत्रालयों ने ‘जेन-जेड’ प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
जली हुई कारों, क्षतिग्रस्त उपकरणों और संपत्तियों के बारे में आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। (भाषा)


