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नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल की पत्नी रवि लक्ष्मी चित्रकार की हालत नाजुक है.
मंगलवार सुबह काठमांडू में 'जेन ज़ी' आंदोलन के दौरान उनके घर पर हुए हमले और आगजनी में वह गंभीर रूप से घायल हुई थीं.
खनाल ने बीबीसी न्यूज़ नेपाली की संवाददाता रमा पराजुली से बातचीत में बताया कि वह इस समय सेना की एक बैरक में रह रहे हैं.
झलनाथ खनाल ने उनके घर पर हुई आगजनी के बारे में कहा, "मैं, मेरी पत्नी और मेरा बेटा घर पर थे. कुछ ही देर बाद सैनिक आए और मुझे कहा कि सुरक्षित जगह पर चले जाओ क्योंकि घर पर हमला हो सकता है. मैंने अपनी पत्नी और बेटे से कहा कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, किसी को कुछ नहीं किया, कोई हमारे घर पर हमला या आग नहीं लगाएगा."
उन्होंने बताया, "मैं नीचे जाकर मामला समझाने गया और फिर वापस आया. तभी उन्होंने मुझे अलग कर लिया. मुझे पता चला कि मेरे घर में आग लगा दी गई है. मैंने पूछा कि मेरा बेटा और पत्नी कहाँ हैं?"
"फिर मैंने ज़ोर दिया कि 'अगर मुझे जलकर मरना पड़े, तो मैं अपने परिवार के साथ जलकर मरूंगा. मैं अपनी पत्नी और बेटे को अकेले जलकर मरने नहीं दूंगा', तब सुरक्षा बल मेरे घर उन्हें बचाने के लिए गए."
खनाल बताते हैं, "तेज़ आग लगी हुई थी. जब सुरक्षा बल पड़ोसी के घर की ऊपरी मंज़िल से मेरे घर में दाख़िल हुए, तो उन्होंने मेरी पत्नी को निकाला, जो बेहोश थीं और जल रही थीं, और उन्हें अस्पताल ले गए. वह इस समय अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं. मैं यहाँ बैरक में रह रहा हूँ."
खनाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी से सीधे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें डॉक्टरों के ज़रिए ही जानकारी मिल रही है. (bbc.com/hindi)