अंतरराष्ट्रीय

(अदिति खन्ना)
लंदन, 7 सितंबर। लंदन की महानगर पुलिस ने फलस्तीन एक्शन को आतंकी समूह घोषित करने के खिलाफ किए गए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा अधिकारियों पर ‘लात चलाने और थूकने जैसे असहनीय’ दुर्व्यवहार की रविवार को निंदा की। उसने इस मामले में करीब 425 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
ब्रिटिश सरकार द्वारा इस समूह पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में शनिवार को सैकड़ों लोग संसद चौक पर एकत्र हुए, तथा इजराइल-हमास संघर्ष के विरोध में ‘‘मैं नरसंहार का विरोध करता हूं, मैं फलस्तीन कार्रवाई का समर्थन करता हूं’’ जैसे तख्तियां लिए हुए थे।
पुलिस ने अगस्त में इसी संगठन पर प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।
शनिवार को हुई अधिकांश गिरफ्तारियां प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने तथा आतंकवाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए थीं। वहीं, कुछ लोगों को पुलिस अधिकारियों पर हमले तथा अन्य सार्वजनिक व्यवस्था संबंधी अपराधों के लिए भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अभियान का नेतृत्व करने वाली महानगर पुलिस की उप सहायक आयुक्त क्लेयर स्मार्ट ने कहा, ‘‘अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय, हमारे अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों द्वारा घूंसे मारे गए, लात मारी गई, उन पर थूका गया और उन पर वस्तुएं फेंकी गईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फलस्तीन एक्शन के समर्थकों द्वारा न्याय प्रणाली को दबाने के लिए अपनाई गई रणनीति, तथा भीड़ हिंसा को रोकने के लिए संसाधनों की आवश्यकता थी। इसलिए अधिकारियों को अपने इलाकों से बाहर जाना पड़ा, जिससे उन लंदनवासियों को नुकसान हुआ, जो उन पर निर्भर थे।’’
महानगर पुलिस ने बताया कि उसने शनिवार को ब्रिटेन की राजधानी में विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए 2,500 से ज्यादा अधिकारियों को तैनात किया था। हालांकि, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन फलस्तीन एक्शन के समर्थन में डिफेंड आवर ज्यूरीज संगठन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं।
लंदन महानगर पुलिस ने बताया, ‘‘पूरे प्रदर्शन के दौरान, अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए समन्वित प्रयास किया गया, जो हिंसा में बदल गया, जहां अधिकारियों को घूसे मारे गये, लातें मारी गईं, उन पर थूका गया और उन पर वस्तुएं फेंकी गईं।’’
उसने कहा, ‘‘ पुलिस अधिकारियों पर हमले और अन्य अपराधों के लिए 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और जिम्मेदार लोगों पर कानून के हिसाब से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
पूर्व गृह मंत्री यवेट कूपर ने जुलाई में ब्रिटेन के आतंकवाद अधिनियम के तहत फलस्तीन एक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। कानून के मुताबिक इस समूह की सदस्यता या समर्थन एक अपराध है और दोषी पाए जाने पर 14 साल के कारावास की सजा हो सकती है। (भाषा)