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मैक्रों ने कहा, 'यूक्रेन सीज़फ़ायर के बाद उसके 26 सहयोगी देश वहां सैनिकों की तैनाती करेंगे'
05-Sep-2025 9:47 AM
मैक्रों ने कहा, 'यूक्रेन सीज़फ़ायर के बाद उसके 26 सहयोगी देश वहां सैनिकों की तैनाती करेंगे'

मैक्रों के मुताबिक़ इन देशों ने औपचारिक रूप से इस बात की प्रतिबद्धता जताई है कि युद्धविराम समझौते के अगले ही दिन वे 'ज़मीन, समुद्र या हवा' से यूक्रेन में सैनिकों की तैनाती करेंगे.

35 देशों की बैठक के बाद बोलते हुए मैक्रों ने रूस पर आरोप लगाया कि वह शांति प्रक्रिया में जानबूझकर देरी कर रहा है ताकि यूक्रेन के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्से पर वो कब्ज़ा कर सके.

पिछले महीने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाक़ात के बाद से ही यूक्रेन-रूस शिखर बैठक की उम्मीदें धुंधली हो गई हैं.

ट्रंप ने गुरुवार को पश्चिमी सहयोगियों से फ़ोन पर बात की और मैक्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें अमेरिका का समर्थन पक्का हो जाएगा.

हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पत्रकारों को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन यूरोपीय देशों की आलोचना भी की जो अब तक रूसी तेल ख़रीदते आ रहे हैं.

27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने 2027 के अंत तक रूसी गैस और तेल के आयात को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है.

हंगरी और स्लोवाकिया, जिनके नेता रूस के क़रीबी माने जाते हैं, यूरोपीय संघ में रूसी तेल के सबसे बड़े आयातकों में शामिल हैं.

अब तक बहुत कम देशों ने खुले तौर पर यह वादा किया है कि समझौता होने पर वे यूक्रेन की ज़मीन पर सैनिक भेजेंगे, और अमेरिका पहले ही ऐसी संभावना से इनकार कर चुका है.

यूरोपीय राजनयिकों का कहना है कि इस समय सैनिक भेजने की बात करना शायद पुतिन की पश्चिम-विरोधी दलील को ही मज़बूत करेगा.

रूस ने साफ़ कर दिया है कि किसी भी पश्चिमी फ़ौज को यूक्रेन में तैनात नहीं किया जाना चाहिए और उसने इस पर ज़ोर दिया है कि रूस को भी 'गारंटर' देशों में से एक होना चाहिए – जिसे यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने खारिज कर दिया है.

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इसमें 'कोई शक नहीं' है कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी का हिस्सा बनने को तैयार रहेगा.

ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिया था कि अमेरिका का समर्थन 'शायद हवाई मदद के रूप में आ सकता है.' (bbc.com/hindi)


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