अंतरराष्ट्रीय

दोहरे टैक्सेशन से बचने के लिए स्विट्ज़रलैंड ने भारत को दिया ‘सबसे पसंदीदा देश’ (एमएफ़एन) का दर्जा वापस ले लिया है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मेरी समझ से यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के कारण स्विट्ज़रलैंड के साथ हमारी दोहरे टैक्सेशन संधि पर फिर बातचीत होगी. यह इसका एक पहलू है."
"दूसरे पहलू की बात करें तो एमएफ़एन को लेकर मेरे पास डिटेल और अन्य जानकारी पर अपडेट नहीं है."
स्विट्ज़रलैंड के एमएफ़एन दर्जा वापस लेने के पीछे की वजह नेस्ले कंपनी मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के एक फ़ैसले को बताया जा रहा है.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि अगर किसी देश के ‘आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन’ (ओईसीडी) में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ कर संधि पर हस्ताक्षर किए हैं तो एमएफ़एन प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता. (bbc.com/hindi)