अंतरराष्ट्रीय
एक रक्षा सूत्र ने बीबीसी को बताया है कि इसराइली सुरक्षाबल क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के जेनिन शरणार्थी शिविर से निकलना शुरू हो चुके हैं.
इस शिविर में बीते दो दिनों में एक बड़ा अभियान सुरक्षाबलों ने चलाया था जिसमें 12 फ़लस्तीनी और एक इसराइली सैनिक मारा गया था.
मंगलवार की शाम जब इस अभियान की ख़बर सामने आई तो पूरे जेनीन कैंप में गोलियों और धमाके की आवाज़ सुनी जा सकती थी.
इसराइली सेना ने बताया है कि उसने ग़ज़ा पट्टी से दक्षिणी इसराइल की ओर दाग़े गई पांच रॉकेटो को गिरा दिया है.
अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
जेनिन से जब इसराइलियों का बाहर निकलना जारी है उसी दौरान फ़लस्तीनी स्वास्थ्य कर्मियों ने इसराइली सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए एक और फ़लस्तीनी की मौत की पुष्टि की है. स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि ये सोमवार के बाद हुई 12वें फ़लस्तीनी शख़्स की मौत है.
वहीं इसराइली सेना ने बताया है कि मंगलवार की शाम शरणार्थी शिविर में कॉम्बैट सर्विस का एक नॉन-कमिशंड अफ़सर की मौत हुई है.
दिन में ग़ज़ा पट्टी को नियंत्रित करने वाले चरमंपथी समूह ने दावा किया था कि इसराइल में कार चढ़ाने और चाक़ू से हमले की घटना जेनिन के अभियान का जवाब है.
इसराइली प्राधिकरण ने बताया है कि तेल अवीव शहर के एक व्यस्त बाज़ार में एक हमलावर ने सात लोगों को घायल किया था, हमलावर वेस्ट बैंक का रहने वाला फ़लस्तीनी पुरुष था. एक नागरिक ने उसे गोली मार दी और उसकी मौत हो गई.
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है, “जो भी यह सोचता है कि यह हमला हमें आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखने से रोक देगा वो ग़लत सोच रहे हैं.”
उन्होंने इसकी भी पुष्टि की है कि जेनिन में इसराइली सुरक्षाबल ‘मिशन पूरा कर रहा हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने चेताया कि यह ‘एक बार का अभियान’ नहीं होगा.
फ़लस्तीनी नेताओं ने क्या कहा?
फ़लस्तीनी नेताओं ने इसराइल पर ‘आक्रमण’ करने का आरोप लगाया है.
इसराइली सेना ने सोमवार को जेनिन शरणार्थी कैंप में सोमवार की सुबह ड्रोन हमलों समेत अपना अभियान शुरू किया था और उसका निशाना जेनीन ब्रिगेड्स का संयुक्त कमांड सेंटर था. जेनिन ब्रिगेड्स को अलग-अलग चरमपंथी समूहों के साथ मिलकर बनी एक इकाई बताया जाता है जिसमें हमास भी शामिल है.
सैकड़ों सैनिक जब कैंप में दाख़िल हुए तो ड्रोन से हमला किया गया और फिर कैंप में हथियारबंद फ़लस्तीनियों के साथ उनकी झड़प हुई.
सेना का कहना है कि ‘काउंटर टेररिज़्म अभियान’ का मक़सद हथियार ज़ब्त करना और ‘कैंप को एक सुरक्षित पनाहगाह माने जाने के माइंडसेट को तोड़ना था.’
जेनेवा में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के दफ़्तर की प्रवक्ता ने कहा कि ‘जेनीन में जिस पैमाने पर हवाई और ज़मीनी अभियान चलाया गया वो चिंतित करने वाला है और वेस्ट बैंक में ये जारी है. ख़ासकर के शरणार्थी शिविर के भारी आबादी वाले इलाक़े में हवाई हमले हुए हैं.’
उन्होंने बताया कि फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि मरने वालों में तीन बच्चे मारे गए हैं जिनमें दो की उम्र 17 साल और एक की 16 साल है. उन्होंने चेताया है कि हमले से इन्फ़्रास्ट्रक्चर को नुक़सान पहुंचा है जिसकी वजह से अब कैंप में अधिकतर जगह पर न ही पीने का पानी और बिजली है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि फ़लस्तीनी एंबुलेंस के लोगों को कैंप के कई हिस्सों में दाख़िल होने से रोका गया, साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों के पास नहीं जाने दिया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि 140 से ज़्यादा फ़लस्तीनी घायल हुए हैं जिनमें 30 गंभीर रूप से घायल हैं. (bbc.com/hindi)


