अंतरराष्ट्रीय

पिछले कुछ दिनों से जारी गंभीर तनाव के बाद बीते रविवार यरूशलम स्थित अल-अक़्सा मस्जिद में रमज़ान की नमाज़ और यहूदी श्रद्धालुओं के धार्मिक रीति-रिवाज़ शांतिपूर्वक संपन्न हुए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, यहूदी श्रद्धालुओं का एक छोटा समूह भारी पुलिस सुरक्षा में मस्जिद परिसर में पहुंचा.
यरूशलम स्थित इस परिसर को इस्लाम और यहूदी धर्म में पवित्र स्थान के रूप में देखा जाता है.
मुसलमान इसे पवित्र अल-अक़्सा मस्जिद कहकर पुकारते हैं तो यहूदी समुदाय इसे टेंपल माउंट के रूप में देखता है.
पिछले हफ़्ते इसी परिसर पर इसराइली पुलिस के छापे ने अरब दुनिया में अशांति की लहर पैदा कर दी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो में दिखा है कि इसराइली पुलिस के जवान फ़लस्तीनियों को पीट रहे हैं.
इसराइली पुलिस का दावा था कि पटाखे, डंडे और पत्थरों से लैस होकर फ़लस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने खुद को मस्जिद के भीतर बंद कर लिया था.
वहीं, फ़लस्तीनियों ने कहा था कि इसराइली पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग में दर्जन भर से ज़्यादा लोग घायल हुए.
इन वीडियोज़ की वजह से पैदा हुए आक्रोश के चलते इसराइल और अरब देशों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हुई.
और फ़लस्तीन से जुड़े गुटों की ओर से रॉकेट दागे गए.
इसके जवाब में इसराइल ने गज़ा, दक्षिणी लेबनान और सीरिया में कार्रवाई की. (bbc.com/hindi)