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दो दशक बाद रूस जाएंगे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री, क्या है इमरान ख़ान का एजेंडा
08-Feb-2022 10:36 AM
दो दशक बाद रूस जाएंगे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री, क्या है इमरान ख़ान का एजेंडा

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान जल्द ही रूस के दौरे पर जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो पिछले दो दशकों में ये पहली बार किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का रूस दौर होगा.

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने एक अख़बार के हवाले से जानकारी दी है कि ये दौरा 23 से 26 फ़रवरी तक का हो सकता है. वहीं रूस की सरकार (क्रेमलिन) की ओर से कहा गया है कि वो इसके तारीख़ की घोषणा करेगी.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात की है. विंटर ओलंपिक के बीच चीन के दौरे पर पहुंचे इमरान ख़ान इसी रविवार को जिनपिंग से मिले.

एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने अपनी चिंताओं और अहम हितों से जुड़े मुद्दों पर एक दूसरे को मदद देने की बात दोहराई है.

बता दें कि शिनजियांग प्रांत में कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और दूसरे पश्चिमी देश इस विंटर ओलंपिक का बहिष्कार कर चुके हैं.

इमरान ख़ान के रूस के दौरे को पश्चिमी देशों के लिए एक संदेश की तरह देखा जा रहा है. ख़ासकर तब, जब अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद पाकिस्तान में सैन्य ठिकाना देने से इमरान ने अमेरिका को मना कर दिया था. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पद संभालने के बाद से इमरान ख़ान को फ़ोन ही नहीं किया.

ऐसे में यूक्रेन संकट के बीच चीन के बाद इमरान ख़ान का रूस दौरा पश्चिमी देशों के लिए संदेश है.

बताया जा रहा है कि इमरान ख़ान और व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ साझा हितों वाले क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत होगी.

पीटीआई के मुताबिक़, 17 जनवरी को ख़ान और पुतिन के बीच बातचीत हुई थी जिसमें दोनों ने द्विपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय, अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए.

इस दौरान इमरान ख़ान ने पुतिन के उस बयान की भी तारीफ़ की, जिसमें पुतिन ने कहा था कि पैग़बर मोहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत नहीं आता है.

इमरान ख़ान ने ये भी कहा था कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और साझा सहयोग पर ज़ोर देने को लेकर बात हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और रूस के बीच रिश्ते बेहतरी की तरफ़ जा रहे हैं. ये भी कहा गया कि दोनों ही देशों को प्रमुखों ने एक दूसरे को अपने देश आने का निमंत्रण दिया था.

पिछले महीने बताया जा रहा था कि इस्लामाबाद और मास्को, व्लादिमीर पुतिन के पाकिस्तान दौरे को लेकर योजना बना रहे थे. दो सालों के दौरान दोनों ही देश दौरे को लेकर चर्चा कर रहे थे लेकिन कोरोना समेत कई कारणों की वजह से ये दौरा पूरा नहीं हो सका.

पीटीआई ने अख़बार के हवाले से कहा है कि पुतिन के दौरे से पहले मॉस्को कुछ ''महत्वपूर्ण'' तैयार करना चाहता था.

पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और रूस के बीच के रिश्ते पहले की कड़वाहट को पीछे छोड़ते हुए बेहतर हुए हैं. अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में जो खटास आई है, ये भी एक वजह है कि इस्लामाबाद, मॉस्को के और क़रीब होता चला गया.

क़रीब 9 साल के गैप के बाद पिछले साल रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पाकिस्तान पहुंचे थे और राष्ट्रपति पुतिन की ओर से ये कहा था कि रूस, पाकिस्तान की हरसंभव मदद करने को तैयार है.

दोनों देशों के बीच सिर्फ़ कारोबारी रिश्ते ही मज़बूत नहीं हुए हैं बल्कि रूस चाहता है कि पाकिस्तान को हथियार बेचे जाएं. अब तक कोई मौकों पर ये भारत के विरोध की वजह से नहीं हो सका है.

रूस और पाकिस्तान साल 2016 से नियमित तौर पर जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज़ कर रहे हैं ये भी दोनों देशों के बीच के रिश्तों को दर्शाता है. साथ ही दोनों देश कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी साझा विचार रखते हैं.

ऐसे में अब इमरान ख़ान अगर रूस के दौर पर जाते हैं तो यूक्रेन में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों की निगाह तो रहेगी ही, साथ ही भारत भी इस दौरे पर बारीक़ नज़र रखना चाहेगा.

यूक्रेन संकट की बात करें तो यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के सैनिकों की तैनाती और इसे लेकर पश्चिमी देशों के विरोध पर दुनियाभर की नज़र है.

अमेरिका का कहना है कि रूस की ये कोशिश अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए ख़तरा है. वहीं रूस लगातार कहता आया है कि यूक्रेन पर हमला करने की उसकी योजना नहीं है.

चीन का रुख रूस की तरफ़ है और पश्चिमी देश भी ये देख रहे हैं रूस का समर्थन करते कौन से देश दिख रहे हैं. (bbc.com)


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