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सर्बिया ने रद्द की सफेद सोने लीथियम की खुदाई
22-Jan-2022 12:25 PM
सर्बिया ने रद्द की सफेद सोने लीथियम की खुदाई

पूरी दुनिया लीथिएम के भंडार खोज रही है. लेकिन सर्बिया में लीथिएम खनन के विरोध में ऐसे प्रदर्शन हुए कि सरकार को दिग्गज खनन कंपनी का बोरिया बिस्तर बांधना पड़ा.

  डॉयचे वैले पर अलेक्स बैरी, ओंकार सिंह जनौटी की रिपोर्ट-

सर्बिया की प्रधानमंत्री अना बर्नाबिच ने लीथियम खनन योजना रद्द कर दी है. सरकार के साथ हुए समझौते के तहत दिग्गज खनन कंपनी रियो टिंटो को पूर्वी यूरोप के इस देश में सफेद सोना कहा जाने वाला लीथियम खोदना था.

खनन के विरोध में कई हफ्तों से प्रदर्शन हो रहे थे. हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ रहे थे. चुनाव करीब आते ही सरकार को यह फैसला करना पड़ा. टेलीविजन पर देश को संबोधित करते हुए बर्नाबिच ने कहा, "हमने पर्यावरण संबंधी प्रर्दशनों की सभी मांगें पूरी कर दी हैं और सर्बिया गणराज्य में रियो टिंटो का काम खत्म कर दिया है."

कितनी बड़ी कंपनी है रियोटिंटो
रियो टिंटो 150 साल पुरानी एंग्लो-ऑस्ट्रेलियन कंपनी है. यह बहुराष्ट्रीय कंपनी खनन क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में है. कंपनी ने 2020 में टैक्स चुकाने के बाद 10.4 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया. लेकिन रियो टिंटो पर पर्यावरण को ताक पर रखने और दस्तावेजों में धांधली के आरोप भी लगते रहे हैं.

अफ्रीकी देश मोजाम्बिक के कोयला कारोबार के चलते रियो टिंटो पर अमेरिका में मुकदमा चल रहा है. 2017 में धांधली के आरोप में ब्रिटेन में भी कंपनी पर 2.74 करोड़ पाउंड का जुर्माना ठोंका गया.

रियो टिंटो के अनुमान के मुताबिक सर्बिया में इतना लीथियम भंडार है कि देश दुनिया के टॉप-10 लीथियम उत्पादकों में शामिल हो सकता है. कंपनी का दावा है कि सर्बिया की खदान हर साल 10 लाख इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी बनाने में मदद कर सकती है.

सर्बिया के लोजनिका इलाके में 2004 में रियो टिंटो ने लीथियम भंडार की खोज की. उसके साथ ही माइनिंग कंपनी ने वहां जमीन खरीद ली. कंपनी वहां 2.4 अरब डॉलर का निवेश कर लीथियम की खुदाई करना चाहती थी. लीथियम बीते 20 साल से दुनिया के सबसे अहम खनिजों में से एक है. अत्याधुनिक मशीनों के लिए लीथियम से ही बैटरी बनाई जाती है. लीथियम आयन बैटरी पर स्मार्टफोन, ड्रोन और इलेक्ट्रिक कारें भी निर्भर हैं.

प्रदर्शन की नौबत क्यों आई?
लीथियम के लिए सर्बिया की जिस जदार खदान की पहचान की गई, वहां 100 मीटर से 600 मीटर की गहराई तक लीथियम है. लेकिन खदान चालू चलने, स्टोरेज फैसिलिटी बनाने और लीथियम की सफाई के दौरान पैदा होने वाला कचरा कहां जाएगा, इसका ठोस प्लान न सरकार दे सकी, न कंपनी.

प्रदर्शनकारी लीथियम खनन के चलते होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित थे. रियो टिंटो के साथ हुए समझौते के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने कई अहम सड़कें बंद कर दी. राजधानी बेलग्राद समेत प्रदर्शन देश के कई इलाकों तक फैल गए.

सर्बिया यूरोप के सबसे प्रदूषित देशों में से एक है. 69.1 लाख की आबादी वाला सर्बिया यूरोपीय संघ का सदस्य बनना चाहता है, लेकिन ईयू के पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को पूरा करना आसान नहीं. कुछ अनुमानों के मुताबिक इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अरबों यूरो खर्च होंगे.

प्रधानमंत्री के एलान के बावजूद प्रदर्शनकारी नरम नहीं पड़े हैं. वे सरकार से लीथियम के साथ साथ बोरैट खनन पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं. पीएम के टीवी संबोधन के बाद प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले सावो मांजिलोविच ने ट्ववीट किया, "एक कदम और! हम मंजिल के करीब हैं."

चुनावी बादलों ने फिजा बदली
सर्बिया में अप्रैल में चुनाव हैं. सरकार का हृदय परिवर्तन इससे ठीक पहले हुआ है. सत्ताधारी सर्बियन प्रोग्रेसिव पार्टी (एसएनएस) ने शुरुआत में खनन नीति का समर्थन किया, लेकिन ऐसा करने के बाद से ही पार्टी की लोकप्रियता गिरती गई.

पुरुष टेनिस में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच भी प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं. सर्बिया में बेहद लोकप्रिय जोकोविच ने दिसंबर में स्वच्छ हवा के समर्थन में बातें कीं.

प्रधानमंत्री बर्नाबिच ने पहले कहा कि लीथियम खदान पर फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा, लेकिन गुरुवार को उन्हें कहना पड़ा कि, "हम अपने लोगों की आवाज सुन रहे हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि अलग सोच रखने के बावजूद हम उनके हितों की रक्षा करें."

  (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)


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