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COP26 में शी जिनपिंग, पुतिन के नहीं आने से नाराज़ बाइडन क्या बोले
03-Nov-2021 2:52 PM
COP26 में शी जिनपिंग, पुतिन के नहीं आने से नाराज़ बाइडन क्या बोले

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जलवायु परिवर्तन पर चल रही COP26 बैठक में चीन और रूस के शीर्ष नेताओं के नहीं शामिल होने की आलोचना की है.

मंगलवार की रात अपने भाषण में बाइडन ने कहा कि जलवायु एक बहुत बड़ा मसला था और चीन और रूस इसमें दिखाई नहीं दे रहे हैं, वे इससे दूर चले गए.

बाइडन ने कहा, "वास्तविकता यह है कि चीन जो स्पष्ट तौर पर वर्ल्ड लीडर के रूप में ख़ुद की एक नई भूमिका पर ज़ोर देने की कोशिश करता है- वो दिखाई नहीं दे रहा."

उन्होंने कहा कि जिनपिंग ने नहीं आ कर "एक बड़ी ग़लती की है."

पुतिन के बारे में बाइडन ने कहा कि रूस के जंगलों में लगी आग पर राष्ट्रपति "खामोश रहे."

चीन, रूस और सऊदी अरब सहित अन्य देशों ने अब तक बातचीत में क्या भूमिका निभाई है, ये पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी ये नाराज़गी ज़ाहिर की.

चीन और रूस हैं बड़े कार्बन उत्सर्जक देश

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों ही COP26 की इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.

हालांकि स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगोव में 120 से अधिक नेताओं की 14 नवंबर तक हो रही इस बैठक में दोनों ही देशों ने अपने अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं.

चीन दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक है. जबकि अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ के बाद पांचवें स्थान पर रूस है.

बैठक में शामिल देशों ने 2030 तक मीथेन के स्तर को कम करने के साथ साथ जंगलों की कटाई को रोकने पर भी अपनी प्रतिबद्धता जताई है. और जिन देशों ने यह प्रतिबद्धता जताई है उसमें चीन और रूस भी शामिल हैं.

बाइडन के भाषण से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी COP26 शिखर सम्मेलन में वन प्रबंधन पर बैठक में अपना वर्चुअल भाषण दिया. इसमें उन्होंने कहा कि "रूस जंगलों के संरक्षण के लिए सबसे दृढ़ और तेज़ी से उपाय करता है."

पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोन ने अक्तूबर में जब राष्ट्रपति (पुतिन) के इस सम्मेलन में नहीं आने की घोषणा कर रहे थे तब उन्होंने इसकी वजह नहीं बताई थी. हालांकि तब उन्होंने ये कहा था कि जलवायु परिवर्तन रूस की प्राथमिकताओं में एक महत्वपूर्ण विषय है.

अक्तूबर में ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अधिकारियों ने आगाह किया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद नहीं है. क्योंकि बीते क़रीब 20 महीने से जिनपिंग रूस से बाहर नहीं निकले हैं.

चीन, रूस और कार्बन उत्सर्जन के नेट ज़ीरो का लक्ष्य

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सितंबर में कहा था कि उनका देश 2060 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट ज़ीरो करने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी 2060 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का वादा किया है.

नेट ज़ीरो का मतलब होता है कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को पूरी तरह से ख़त्म कर देना जिससे धरती के वायुमंडल को गर्म करनेवाली ग्रीनहाउस गैसों में इसकी वजह से और वृद्धि न हो.


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