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पाकिस्तान के दौरे पर गए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा है कि ब्रिटेन ये सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि अफ़ग़ानिस्तान भविष्य में आतंकवादियों का ठिकाना न बने.
उन्होंने कहा, “ब्रिटेन ने अफ़ग़ानिस्तान में मदद की राशि इस साल बढ़ाकर 28.6 करोड़ पाउंड कर दी थी. स्थिर और शांतिपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान ब्रिटेन और पाकिस्तान दोनों के हित में हैं.''
डॉमिनिक राब ने ये बातें इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहीं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने भी इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि पाकिस्तान तालिबान के साथ सहअस्तित्व और यथार्थवादी नीति पर आगे बढ़ेगा.
क़ुरैशी ने कहा, ''हम पड़ोसी हैं. हमें सहअस्तित्व के साथ रहना है. भौगोलिक स्थिति हमें जोड़ती है. पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से रोज़ाना 20 से 25 हज़ार लोग आते जाते हैं. क्या हमें इन्हें रोक देंगे?''
क़ुरैशी ने कहा, ''क्या हम इन्हें रोक सकते हैं, नहीं हम नहीं रोक सकते? क्या हम इनके लिए नियम तय कर सकते हैं, हाँ, ये संभव है. क्या इसमें जोख़िम हैं? हाँ, कई ऐसे संगठन हैं जो आपके, हमारे और किसी के प्रति दोस्ताना रवैया नहीं रखते हैं, ऐसे में हमें अपने आपकी उनसे रक्षा करनी है.''
''अफ़ग़ानिस्तान का अधिकांश व्यापार पाकिस्तान से होकर गुज़रता है तो क्या पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के लिए अपनी सीमा बंद कर सकता है? क्या पाकिस्तान इसके परिणाम स्वरूप किसी मानवीय त्रासदी में अपना योगदान देगा?"
इसके बाद क़ुरैशी ने पाकिस्तान की स्थिति को बयां करते हुए कहा, "अगर हमें उनके साथ व्यापार करना है तो हम किसके साथ बात करें? ये हमारी मजबूरी है कि हमे उससे बात करनी होगी, जिसके भी हाथ में सत्ता की चाबी होगी.''
''इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, पाकिस्तान ने कहा है कि अफ़ग़ान लोगों को अपने भविष्य के बारे में फैसला करना है. हम एक ऐसी सरकार के साथ जुड़ेंगे जिसे अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का समर्थन प्राप्त होगा.''
हम अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की मदद करना चाहते हैं और हमारा ध्यान इसी पर है क्योंकि हमें लगता है कि वे दशकों से पीड़ित हैं और 40 साल बाद शांति के लिए एक असल मौक़ा आया है.”
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि तालिबान नेताओं में "शांति और स्थिरता" की वकालत करने वाला कोई भी व्यक्ति एक "मित्र" था और "हम इसी वास्तविकता के साथ आगे बढ़ेंगे".
क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अगले कुछ दिनों में "आंख और कान खुले रखकर" घटनाओं पर नज़र रख रहा था.
इसके बाद पाक विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के रुख़ को दोहराया कि अफ़ग़ानिस्तान में उसका "कोई पसंदीदा नहीं था".
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में विभिन्न जातीय समूह शामिल हैं. (bbc.com)