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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान पर सैकड़ों लोगों द्वारा एक महिला के कथित उत्पीड़न का वीडियो सामने आया है जिस पर पूरे देश में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है.
मंगलवार को सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो के बाद, एक बार फिर इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या पाकिस्तान के बड़े शहरों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
लाहौर पुलिस ने 'सख़्त धाराओं' में मुक़दमा दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है जिसमें वीडियो क्लिप की मदद से अभियुक्तों की पहचान की जाएगी.
डिजिटल मीडिया के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार अज़हर मशवानी ने कहा है कि पुलिस आशुरा (मोहर्रम के मौक़े पर होने वाले प्रोग्राम) ड्यूटी पर होने के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के लिए वीडियो और सीसीटीवी फ़ुटेज की जाँच कर रही है. उन्होंने बताया कि "एफ़आईआर में गंभीर और ग़ैर-ज़मानती अपराधों की धाराएं जोड़ दी गई हैं."
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस यानी 14 अगस्त के दिन लाहौर में हुई इस घटना के वायरल वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह तीन से चार सौ लोगों की भीड़ लड़की पर हमलावर होती है और उसका उत्पीड़न करती है.
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' का कहना है कि दिन दहाड़े घटी इस घटना ने और अधिक भय पैदा कर दिया है.
ये घटना ऐसे समय में घटी है जब पाकिस्तान में लोग पहले से ही 'नूर मुक़द्दम' और 'क़ुर्रतुल ऐन' जैसी घटनाओं से स्तब्ध हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अधिकारियों से अभियुक्तों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है.
मीनार-ए-पाकिस्तान की घटना पर प्राथमिकी में पीड़िता ने क्या कहा?
ये वीडियो सामने आने के बाद लाहौर पुलिस ने पीड़ित लड़की के अनुरोध पर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है.
पीड़िता ने मंगलवार को लाहौर के लारी अड्डा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह 14 अगस्त को शाम साढ़े छह बजे ग्रेटर इक़बाल पार्क में अपने साथियों के साथ यूट्यूब के लिए वीडियो बना रही थी, तभी अचानक वहां तीन-चार सौ से ज़्यादा लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया.
एफ़आईआर के अनुसार, लड़की और उसके साथियों ने भीड़ से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. इसी दौरान जब गार्ड ने विंडो का दरवाज़ा खोला तो वो अंदर चले गए. लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि लोग विंडो के ऊपर से चढ़कर उनकी तरफ़ आ गए और उन्हें खींचना शुरू कर दिया.
एफ़आईआर में कहा गया है कि भीड़ में मौजूद लोग उन्हें उठाकर हवा में उछालते रहे और उनके कपड़े भी फाड़ दिए. पीड़िता ने शिकायत में यह भी कहा है कि उनके साथ हिंसा की गई और उनका मोबाइल फ़ोन, नक़दी और सोने के टॉप्स भी छीन लिए गए.
पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बज़दार ने एक बयान में कहा है कि उन्होंने लाहौर के ग्रेटर इक़बाल पार्क में स्थित, मीनार-ए-पाकिस्तान के परिसर में महिला के साथ हुई 'शर्मनाक घटना' पर, कार्रवाई के संबंध में सीसीपीओ लाहौर से रिपोर्ट माँगी है.
उस्मान बज़दार ने कहा है कि घटना में शामिल लोगों की वीडियो फ़ुटेज के माध्यम से पहचान कर तत्काल गिरफ़्तारी की जाए और क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई की जाए.
मुख्यमंत्री के सलाहकार अज़हर मशवानी ने कहा है कि लाहौर पुलिस के मुताबिक़ ग्रेटर इक़बाल पार्क में टिक टॉक स्टार और उसके साथियों के साथ हुई घटना पर वीडियो की मदद से अभियुक्तों की तलाश की जा रही है. घटना की 15 कॉल पर (लड़की) को तुरंत रेस्क्यू कर लिया गया था.
'हर पाकिस्तानी के लिए शर्म की बात'
इस घटना ने कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों को निराश किया है. नेता हों या शो बिज़ सितारे, हर कोई समाज में महिलाओं से जुड़ी ऐसी अनगिनत घटनाओं पर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त कर रहा है.
विपक्षी पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है, ''मीनार-ए-पाकिस्तान पर भीड़ द्वारा एक युवा लड़की के साथ हाथापाई और मारपीट, हर पाकिस्तानी के लिए शर्म की बात है और हमारे समाज के पतन को दर्शाता है. अभियुक्तों को सज़ा मिलनी चाहिए, पाकिस्तानी महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. उनकी सुरक्षा और समान अधिकार सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है."
मुस्लिम लीग (नवाज़) की सानिया आशिक़ का कहना है कि ''मीनार-ए-पाकिस्तान पर पीड़िता के साथ हुई घटना का सामना कभी न कभी हर पाकिस्तानी महिला ने किया है. शायद गंभीरता कम होती है, लेकिन सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी इसका अनुभव किया है. समय आ गया है कि ऐसा होने से रोका जाए."
एक्ट्रेस माहिरा ख़ान ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ''मैं माफ़ी चाहती हूं. मैं भूल गई थी. यह तो उनकी अपनी ग़लती है. बेचारे 400 आदमी ख़ुद को रोक नहीं पाए."
पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की बेटी बख़्तावर भुट्टो ने अपने ट्वीट में लिखा कि "मीनार-ए-पाकिस्तान पर मुर्दा दिमाग़ वाली ज़ोम्बीज़ का हमला डरावना है. मैं हर भयानक घटना को छिपाने की कोशिश कर रही इस सरकार से तंग आ चुकी हूं. इस सरकार में कोई नया क़ानून बदलाव या किसी की सुरक्षा नहीं करेगा.''
इस समय पाकिस्तान के ट्विटर पर 'मीनार-ए-पाकिस्तान', '400 आदमी' और 'लाहौर वाक़िया' समेत कई ट्रेंड चल रहे हैं और बड़ी संख्या में यूज़र्स ख़ासकर महिलाएं इस घटना पर अपना दुख और ग़ुस्सा ज़ाहिर कर रही हैं.
यूज़र निदा फ़ातिमा ज़ैदी ने लिखा है, "मीनार-ए-पाकिस्तान में जो कुछ हुआ उसे देखने के बाद मेरे लिए इस देश में एक महिला के रूप में सुरक्षित महसूस करने का क्या कारण है? मैं क्यों विश्वास करूँ कि कोई भी महिला, जिसे मैं जानती हूं वह इस देश में सुरक्षित रहेगी?"
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को संबोधित करते हुए आगे लिखा, "इमरान ख़ान ध्यान दें. पाकिस्तान की महिलाओं को आपका आश्वासन चाहिए."
तलहा बिन एजाज़ ने लिखा, कि "400 आदमी, आठ सौ आंखें. किसी आंख ने शर्म महसूस नहीं की. 800 हाथों में से कोई भी बचाने के लिए आगे नहीं आया. किसी की रूह नहीं कांपी, किसी ज़ुबान ने अपने साथी से कुछ नहीं कहा. सब को एक मौक़ा मिला और सभी ने इसका फ़ायदा उठाया."
अनुशे अशरफ़ ने लिखा, "एक समय था जब मुझे लगता था कि मेरे देश में अगर एक आदमी मुझे किसी सार्वजनिक स्थान पर परेशान करेगा, तो दस आदमी मुझे बचाने के लिए आगे आएंगे, लेकिन मीनार-ए-पाकिस्तान में एक महिला का 400 पुरुषों के हाथों उत्पीड़न होते देख, मुझे बहुत बुरा लग रहा है."
एक अन्य यूज़र ने लिखा है, "मोटरवे की घटना से लेकर 14 अगस्त की घटना तक, मैं पूछना चाहती हूं कि यह किस तरह का स्वतंत्र देश है."
वक़ार यूनुस ने लिखा, ''इस महिला ने चार सौ पुरुषों को जानवर बनते देखा है."
आमना नामी एक यूज़र ने लड़की के साथ हुए इस दुर्व्यवहार के चार स्टेज बताए, "यह सोचना कि एक महिला के साथ दुर्व्यवहार हो सकता है, कॉन्फ़िडेंस के साथ ऐसा करना, क्योंकि कोई जवाबदेही नहीं होगी, आंखों के सामने कोई अपराध होते देखना और फिर भी कुछ न करना, (आख़िर में) पीड़िता को दोष देना." (bbc.com)