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अफ़ग़ानिस्तान: इस फ़ैसले की क़ीमत हर हाल में चुकानी होती- बाइडन
19-Aug-2021 11:41 AM
अफ़ग़ानिस्तान: इस फ़ैसले की क़ीमत हर हाल में चुकानी होती- बाइडन

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना से बाहर निकलने और उसके तालिबान के कब्ज़े में जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर अपने फ़ैसले का बचाव किया है.

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद पहली बार दिए एक इंटरव्यू में बाइडन ने कहा कि इसके लिए अफ़ग़ान सरकार और अफ़ग़ान सुरक्षाबल ज़िम्मेदार हैं.

बुधवार को एबीसी न्यूज़ के संवाददाता जॉर्ज स्टीफ़ानोपोलस को दिए इंटरव्यू में बाइडन ने कहा कि "अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सरकार का हिस्सा बनने को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इसमें अभी और कुछ महीने लगेंगे."

उन्होंने कहा कि ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से यही कहा गया था कि साल के आख़िर तक ऐसा होने की संभावना है. जॉर्ज ने बाइडन से सवाल किया था कि उन्होंने जुलाई में ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता के आने की आशंका 'लगभग नामुमकिन है.'

अफ़ग़ानिस्तान में मौजूदा स्थिति के बारे में बाइडन ने कहा, "जिस तरह स्थिति से निपटा गया है मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतर तरीके से ऐसा किया जा सकता था. अगर हम पीछे मुड़ कर देखें तो पाएंगे कि ऐसा कोई रास्ता नहीं था कि पूरी तरह व्यवस्थित तरीके से ऐसा हो पाता. मुझे नहीं पता कि इससे अलग और क्या होता."

बाइडन ने माना कि हर सूरतेहाल में इस फ़ैसले की कोई न कोई क़ीमत चुकानी होती.

जब बाइडन से काबुल एयरपोर्ट पर हुई भगदड़ के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "ये चार-पांच दिन पहले की घटना है."

उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि हमें स्थिति पर काबू पाना होगा और हमने वही किया. हमने तेज़ी से क़दम उठाते हुए काबुल हवाई अड्डे पर नियंत्रण किया और उड़ानें चालू कीं."

'अपने नागरिकों को निकालने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध'

बाइडन ने कहा कि उनकी सरकार सभी अमेरिकी नागरिकों को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही इसके लिए पहले दी गई समयसीमा पार हो जाए.

इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि 31 अगस्त तक वो अपनी सेना को पूरी तरह से अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकाल लेगा.

उन्होंने कहा, "अमेरिकी लोगों को ये बात समझनी है और हमारी पूरी कोशिश होगी कि इस काम को हम 31 अगस्त से पहले पूरा कर लें. लेकिन अगर हम ऐसा नहीं कर सके तो उस वक्त कितने लोग शेष बचे हैं ये देखते हुए इस पर फ़ैसला होगा."

"जब तक हम सभी अमेरिकी नागरिकों और सैनिकों को वहां से बाहर नहीं निकाल लेंगे, हम वहां पर अपनी मौजूदगी बनाए रखेंगे."

माना जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी दस से पंद्रह हज़ार अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं.

साथ ही बाइडन ने कहा कि पचास हज़ार से 65 हज़ार ऐसे अफ़ग़ान नागरिक हैं जिन्होंने अमेरिकी प्रशासन के लिए काम किया था और जो अब अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलना चाहते हैं.

तालिबान से लोगों को सुरक्षित जाने देने की अपील

उधर दूसरी ओर, कुछ विद्रोहियों के काबुल एयरपोर्ट का रास्ता रोकने की ख़बर के बाद अमेरिका ने एक बार फिर तालिबान से अपील की है कि जो लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़ कर जाना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता दिया जाए.

अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने कहा है, "तालिबान के बारे में ऐसी ख़बरें मिल रही हैं जो उनके वादों और हमारी सरकार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से अलग हैं. वो अफ़ग़ानिस्तान छोड़ कर जाना चाह रहे नागरिकों का रास्ता रोक रहे हैं और उन्हें काबुल एयरपोर्ट नहीं पहुंचने दे रहे."

उन्होंने कहा, "अमेरिकी अधिकारी तालिबान से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. तालिबान को स्पष्ट कर दिया गया है कि हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वो अफ़ग़ानिस्तान में फंसे अमेरिकियों, दूसरे देश के नागरिकों और अफ़ग़ान नागरिकों को बिना किसी परेशानी के सुरक्षित बाहर जाने देंगे."

उन्होंने कहा, "अमेरिकी अधिकारी तालिबान से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. तालिबान को स्पष्ट कर दिया गया है कि हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वो अफ़ग़ानिस्तान में फंसे अमेरीकियों, दूसरे देश के नागरिकों और अफ़ग़ान नागरिकों को बिना किसी परेशानी से सुरक्षित बाहर जाने देंगे." (bbc.com)


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